Viral : 'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक नादिएन हैंसन (Nadine Hanson) नाम की महिला ने अपने बॉस एंड्र्यू गिलक्रिस्ट के तानों और 'मिसबिहैव' से तंग आकर इंसाफ पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. लेबर लॉ (Labour Law) का सहारा लिया और बॉस (Boss) को ह्यूमन बिहेवियर और ह्यूमैनिटी का 'पाठ' सिखाकर ही दम लिया.
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Boss Employee News: दुनिया में आए दिन चौकाने वाले और अजीबोगरीब मामले सामने आते रहते हैं. एकदम ताजा केस की बात करें तो लंदन में एक बॉस ने अपनी जूनियर के 'हेलो' का जवाब नहीं दिया तो उन्हें थाना-कचहरी का चक्कर लगाना पड़ गया. हालांकि उस बॉस पर कई आरोप लगाए गए थे. लिहाजा इन्क्वायरी पैनल बैठा और मामला अंजाम तक पहुंचा. पीड़िता के मुताबिक बॉस (Boss) ने उसे जानबूझकर टारगेट किया. उस पर ऐसा दबाव बनाया जिससे उसे परेशानी हुई और काम प्रभावित हुआ. पहले उसे 'अनफिट' करार दिया गया फिर बर्खास्त कर दिया गया.
'डेली मेल' की एक रिपोर्ट के मुताबिक नादिएन हैंसन (Nadine Hanson) नाम की महिला ने अपने बॉस गिलक्रिस्ट के तानों और बदसलूकी से तंग आकर इंसाफ पाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. महिला ने लेबर लॉ का सहारा लिया और बॉस को ह्यूमन बिहेवियर और ह्यूमैनिटी का 'पाठ' सिखाकर ही दम लिया.
मुआवजे तक पहुंचा मामला
एक बार ऐसा होता तो शायद मुद्दा ही न बनता. खैर यहां 3-3 बार ऐसा हुआ. बात निकली तो दूर तक गई. जूनियर एम्पलाई की शिकायत के बाद मैटर खतम करने के लिए मुआवजा देने की व्यवस्था करनी पड़ गई. इस केस की कथित पीड़िता ने बॉस की शिकायत करते हुए कहा कि उसके मामले में रोजगार कानूनों का भी उल्लंघन हुआ.
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ट्रिब्यूनल में सुनवाई और फैसला
एम्प्लायमेंट ट्रिब्यूनल ने कथित पीड़िता नादिन हैनसन और उसके बॉस एंड्रयू गिलक्रिस्ट के मामले की सुनवाई की. जहां महिला ने कहा, 'ऑफिस आने के बाद मुझे तीन बार इग्नोर किया गया. अपने स्टाफ का वेलकम नहीं किया. यहां तक कि मेरे 'हेलो' का जवाब भी नहीं दिया'.
अपने बचाव में गिलक्रिस्ट ने सफाई दी. उन्होंने जज के सामने कहा, 'मैं हैनसन पर गुस्सा था क्योंकि वो लगातार देर से आ रही थीं, हालांकि मैं इस बात से अनजान था कि उनकी मेडिकल अपॉइंटमेंट थी'.
हैनसन ने अनुचित बर्खास्तगी का दावा जीत लिया और रोजगार न्यायाधीश सारा डेविस ने कहा कि Boss का व्यवहार 'अनुचित' था. गिलक्रिस्ट ने अपने हावभाव से अपने कर्मचारी का भरोसा और विश्वास को कमजोर किया.'
महिला ने ट्रिब्यूनल में कहा, 'उन्होंने जानबूझकर परेशान किया ताकि नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सके. देर से आने या एक दिन जल्दी जाने की वजह बताने के लिए जब मैंने एप्वाइंटमेंट का मैसेज उन्हें दिखाने की कोशिश की तो बॉस ने मेरा फोन पीछे धकेल दिया और मुझसे गलत बरताव किया. अनुचित बर्खास्तगी के फैसले के लिए मैंने केस दायर किया था'. ट्रिब्यूनल ने एम्प्लायर कंपनी को मुआवजा देने का निर्देश दिया है.