US News: कमला हैरिस ने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में भाषण की शुरुआत अपनी भारतीय मूल की मां डॉ. श्यामला गोपालन हैरिस के विशेष उल्लेख के साथ की. वहीं कमला की बहन माया हैरिस ने अधिवेशन में मौजूद दर्शकों के साथ अपने परिवार की कहानी भी साझा की.


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डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवा हैरिस ने कहा कि उनकी मां 19 साल की थीं, जब वह अकेले ही सात समुद्र पार करके भारत से कैलिफोर्निया पहुंचीं, "स्तन कैंसर का इलाज करने वाली वैज्ञानिक बनने के अपने अटल सपने के साथ.'


'उनकी हर दिन याद आती है
हैरिस ने कहा, 'मुझे उनकी हर दिन याद आती है, और खास तौर पर अभी - और मुझे पता है कि वह नीचे देख रही हैं, मुस्कुरा रही हैं.'


अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, 'जब उसने स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली, तो उसे पारंपरिक तरीके से तय विवाह के लिए घर लौटना था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, उनकी मुलाकात मेरे पिता डोनाल्ड हैरिस से हुई, जो जमैका के स्टूडेंट थे. वे एक-दूसरे से प्यार करने लगे और शादी कर ली, और आत्मनिर्णय के उस कदम ने मेरी बहन माया और मुझे एक-दूसरे से जोड़ा.'


एक अमेरिकी कहानी
कमला की बहन माया हैरिस ने याद किया कि कैसे उनकी मां बेहतर जीवन जीने के लिए भारत से अमेरिका चली गईं और उन्होंने बेटियों को 'अपनी कहानियों की लेखिका' बनने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, 'मां सफर, और वह अवसर जो कमला और मेरे लिए चाहती थीं - एक विशिष्ट अमेरिकी कहानी है.'


माया ने यह भी उल्लेख किया कि अगर उनकी दिवंगत मां यहां होतीं, तो वह कहतीं कि उन्हें अपनी बेटी पर कितना गर्व है फिर बिना किसी हिचकिचाहट के, वह कहतीं, बस बहुत हो गया. तुम्हें अभी काम करना है.'


डॉ गोपालन की 2009 में हुई थी मृत्यु
बायोमेडिकल वैज्ञानिक डॉ. श्यामला गोपालन हैरिस की मृत्यु 2009 में हुई यह कमला हैरिस के कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में चुने जाने से एक वर्ष पहले की बात है. कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति बनने वाली पहली महिला, पहली अश्वेत व्यक्ति और पहली भारतीय-अमेरिकी थीं.


Photo courtesy- Reuters