Covid Outbreak: कोरोना महामारी ने दुनिया में जो तबाही मचाई, उसे कई दशकों तक याद रखा जाएगा. साथ ही उससे हुए नुकसान की भरपाई होने में भी लंबा वक्‍त लगेगा. कोविड महामारी के बाद अमेरिका ने जांच की और अब इस निष्‍कर्ष पर पहुंची है कि कोरोनोवायरस संभवतः एक चीनी प्रयोगशाला से ही लीक हुआ था. इस महामारी पर रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली हाउस सेलेक्ट उपसमिति ने जांच की थी, जो 2 दिसंबर को पूरी हुई. कोविड के कारण 11 लाख अमेरिकियों की जान गई थी.


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2 साल चली जांच, नतीजा में वुहान का नाम ही आया


अमेरिका द्वारा की गई यह जांच 2 साल तक चली और समिति ने अपने नतीजे में कहा कि यह इस सिद्धांत का समर्थन करता है कि कोविड-19 वायरस संभवतः चीन के वुहान में एक प्रयोगशाला से उत्पन्न हुआ था. 520 पन्नों की इस रिपोर्ट में संघीय और राज्य-स्तरीय प्रतिक्रियाओं, वायरस की उत्पत्ति और टीकाकरण प्रयासों की समीक्षा की गई.


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भविष्‍य में महामारियों को रोकने में मदद करेगा


पैनल के अध्यक्ष ब्रैड वेनस्ट्रुप ने अमेरिकी कांग्रेस को लिखे पत्र में कहा है, "यह काम संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया को अगली महामारी की भविष्यवाणी करने, अगली महामारी के लिए तैयार करने, खुद को अगली महामारी से बचाने और उम्मीद है कि अगली महामारी को रोकने में मदद करेगा."


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10 लाख डॉक्‍यूमेंट्स की समीक्षा की


यह रिपोर्ट इस बात को मानती है कि COVID-19 के लिए जिम्‍मेदार SARS-CoV-2 वायरस, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से निकला था. एएफपी के अनुसार, यह पैनल 25 बैठकों, 30 से अधिक साक्षात्कारों और 10 लाख से अधिक दस्तावेजों की समीक्षा करने के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा है.   
 
राष्‍ट्रपति के मेडिकल एडवाइजर को ठहराया दोषी


जांच में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ एंथनी फौसी की गवाही भी शामिल थी.  रिपब्लिकन ने महामारी के लिए इस 83 वर्षीय इम्‍युनोलॉजिस्‍ट को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि उन्होंने वायरस को तैयार करने वाले चीनी वैज्ञानिकों को फंडिंग की थी. हालांकि, फौसी ने इन आरोपों से इनकार किया था.


इसके अलावा इस रिपोर्ट में मास्‍क पहनने की अनिवार्यता को महामारी फैलने से रोकने के लिए नाकाफी बताया. साथ ही लॉकडाउन लगाने की भी आलोचना की. हालांकि उन्‍होंने ट्रंप के कार्यकाल में तेजी से वैक्‍सीन खोजने को जबरदस्‍त सफलता करार दिया.