World News in Hindi: एक अमेरिकी व्यक्ति जिसने बलात्कार के आरोप में साढ़े सात साल जेल की सजा काटी, लगभग पांच दशक बाद नए डीएनए सबूतों की बदौलत बरी कर दिया गया. एएफपी के मुताबिक लियोनार्ड मैक को 1975 में न्यूयॉर्क राज्य के ग्रीनबर्ग में एक किशोरी लड़की से बलात्कार के बाद गिरफ्तार किया गया था, जो एक अन्य लड़की के साथ स्कूल से घर जा रही थी. मैक अब 72 वर्ष के हैं.


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पुलिस ने ज्यादातर श्वेत इलाके में एक अश्वेत संदिग्ध की तलाश की घोषणा की और कुछ ही समय बाद मैक को पकड़ लिया, जो अफ्रीकी अमेरिकी हैं.


डीएनए सबूतों ने दिलाई आजादी
इनोसेंस प्रोजेक्ट के एक अभियान के बाद, वेस्टचेस्टर काउंटी अभियोजक के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘उस समय उपलब्ध नहीं होने वाले डीएनए सबूतों ने निर्णायक रूप से 72 वर्षीय मैक को अपराधी के तौर दोष मुक्त कर दिया और एक दोषी यौन अपराधी की पहचान की, जिसने अब बलात्कार की बात कबूल कर ली है.’


जिला अटॉर्नी के कार्यालय ने मैक की ‘लगभग 50 वर्षों से खुद को बेकसूर साबित करने लिए लड़ी गई लड़ाई की अटूट ताकत’ का हवाला देते हुए कहा, ‘यह अमेरिकी इतिहास में इनोसेंस प्रोजेक्ट के लिए डीएनए साक्ष्य द्वारा पलट दी गई सबसे लंबी गलत सजा है.‘


575 लोग डीएनए परीक्षण के आधार हुए रिहा
नेशनल रजिस्ट्री ऑफ एक्सोनरेशन्स के अनुसार, 1989 से अब तक 575 गलत तरीके से दोषी ठहराए गए लोगों को नए डीएनए परीक्षणों के आधार पर बरी कर दिया गया.


शोधकर्ताओं का कहना है कि निर्दोष गोरे लोगों की तुलना में काले संदिग्धों के गलत सजा का शिकार होने की संभावना कहीं अधिक है.


हालांकि, अमेरिका की कुल आबादी में अश्वेत लोगों की हिस्सेदारी केवल 13.6 प्रतिशत है, लेकिन नेशनल रजिस्ट्री ऑफ एक्सोनरेशन्स के अनुसार, 1989 और 2022 के बीच जिन 3,300 लोगों की सजा को पलट दिया गया, उनमें से आधे से अधिक लोग अश्वेत थे.


(न्यूज एजेंसी एएफपी के इनपुट के साथ)