Vladimir Putin: `पोर्न से पाना चाहते हैं छुटकारा, तो...` व्लादिमीर पुतिन ने क्या कह दिया
Vladimir Putin News: अपने विशिष्ट अंदाज के लिए मशहूर पुतिन ने पिछले महीने इसी तरह एक अनोखी बात कही थी कि रूस की आबादी बढ़ाने के लिए ये जरूरी है कि लोग ऑफिस में लंच या कॉफी ब्रेक के दौरान सेक्स करें ताकि देश की जन्मदर में बढ़ोतरी हो सकी.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दुनियाभर में पोर्नोग्राफिक कंटेंट की लोकप्रियता पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि यदि आप इससे निजात पाना चाहते हैं तो अधिक इंगेजिंग और रचनात्मक रूप से अधिक रोचक कंटेंट बनाना होगा. जब आप ऐसा बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएंगे तो ही पोर्न कंटेंट की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है.
रूसी चैनल RT की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने कहा कि एडल्ट कंटेंट की समस्या केवल रूस में नहीं है बल्कि पूरी दुनिया में व्याप्त है. इस तरह के कंटेंट को बैन करना एक विकल्प हो सकता है लेकिन ये भी कारगर होगा जब हम इसके विकल्प के रूप में अधिक रोचक और इंगेजिंग कंटेंट का निर्माण करें. यदि ऐसा कर पाने में हम संभव होंगे तभी यूजर पोर्न साइट जाने से परहेज करेगा और उपलब्ध विकल्प की तरफ जाएगा. पुतिन का बयान ऐसे समय में आया है कि पूरी दुनिया में ऑनलाइन पोर्न कंटेंट की बढ़ती लोकप्रियता सामाजिक मानदंडों पर प्रभाव डाल रही है.
अपने विशिष्ट अंदाज के लिए मशहूर पुतिन ने पिछले महीने इसी तरह एक अनोखी बात कही थी कि रूस की आबादी बढ़ाने के लिए ये जरूरी है कि लोग ऑफिस में लंच या कॉफी ब्रेक के दौरान सेक्स करें ताकि देश की जन्मदर में बढ़ोतरी हो सकी. रूस पिछले कई वर्षों से घटती जन्मदर से परेशान है. मौजूदा समय में दुनियाभर की 2.1 की तुलना में उसकी जन्मदर 1.5 से कम है.
मुस्लिम देश में मिली 7000 साल पुरानी मूर्ति, क्या एलियन से है संबंध.. या कुछ और मामला?
पिछले साल इसी संदर्भ में उन्होंने कहा था कि लोगों को कम से कम आठ बच्चे पैदा करना चाहिए और बड़े परिवारों की संकल्पना को पुनर्जीवित करना चाहिए. उन्होंने कहा था कि हमारे कई जातीय समूहों ने इस परंपरा को संरक्षित किया है. उनके यहां कम से कम चार, पांच या अधिक बच्चों के होने का चलन है. हमें याद रखना चाहिए कि हमारे दादा-परदादा के जमाने में भी सात-आठ बच्चे होने का चलन था.
आइंसटीन से भी ज्यादा IQ.. दुनिया का सबसे स्मार्ट मैन, बताया- मरने के बाद क्या होता है?
रूस में 1990 के दशक से ही जनसंख्या में गिरावट देखी गई है. तीन वर्षों से जारी यूक्रेन युद्ध के दौरान इस गिरावट में तेजी देखी गई. एक स्वतंत्र रूसी पॉलिसी ग्रुप के मुताबिक युद्ध के भय के कारण करीब 10 लाख लोग रूस छोड़कर भाग गए हैं ताकि वो मिलिट्री सेवा में भर्ती होने से बच जाएं.