World News in Hindi: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) तीसरे वर्ष में प्रवेश कर गया है. कहा जाता है कि रूस ने अब तक यूक्रेन के 18 प्रतिशत भू-भाग पर कब्‍जा कर लिया है. युद्ध कब तक चलेगा, रूस का लक्ष्‍य क्‍या है? इस सवाल का जवाब यदि किसी को पता है तो वो हैं रूसी राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन. बावजूद इसके पुतिन आजकल एक अन्‍य सामाजिक मुद्दे को लेकर खासा चिंतित हैं. वो इस कदर परेशान हैं कि उन्‍होंने देशवासियों से अपील करते हुए कहा है कि वो काम के दौरान जब उनको लंच और कॉफी ब्रेक मिलता है तो उस दौरान वो सेक्‍स कर सकते हैं. दरअसल व्‍लादिमीर पुतिन रूस की घटती जन्‍मदर से बहुत परेशान हैं. Metro की रिपोर्ट के मुताबिक जन्‍मदर को बढ़ाने के लिए रूसी राष्‍ट्रपति ऐसी अपील कर रहे हैं. कुछ समय पहले ही उन्‍होंने परिवार में आठ बच्‍चे पैदा करने की भी सलाह दी थी. पुतिन ने ये भी कहा था कि रूसी आबादी का संरक्षण हमारे लिए सबसे बड़े राष्‍ट्रीय महत्‍व का विषय है. 


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घटती आबादी
दरअसल रूस में प्रजनन दर प्रति महिला 1.5 शिशु रह गई है जोकि प्रतिस्‍थापन दर 2.1 से कम है. लिहाजा रूस  में सतत जनसंख्‍या स्‍थायित्‍व का संकट पैदा हो गया है. सिर्फ इतना ही नहीं यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद करीब एक मिलियन रूसी मुल्‍क छोड़ चुके हैं. जिनमें से अधिकांश युवा हैं. 


रूस के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने भी पुतिन की तरह ही अपील की है. उन्‍होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि हम लोग काम में ज्‍यादा बिजी रहते हैं और उसके बाद वक्‍त नहीं मिलता. लिहाजा बच्‍चे पैदा करने और पालने एवं भरण-पोषण का टाइम नहीं है. ऐसे लोग वस्‍तुत: कुतर्क करते हैं और ये सब अपने दायित्‍वों से बचने का तरीका है. अगर आपके पास वाकई टाइम नहीं हैं तो काम के दौरान जब ब्रेक मिलता है तो प्रजनन कार्य कीजिए. वरना समय बहुत जल्‍दी निकल जाता है और पता ही नहीं चलता. 


परिवार में 8 बच्‍चे कीजिए पैदा
ये पहली बार नहीं है जब राष्‍ट्रपति पुतिन ने जनसंख्‍या वृद्धि को लेकर अपील जारी की है. इससे पहले पिछले दिसंबर में पुतिन ने रूसी महिलाओं से आग्रह करते हुए कहा था कि वे कम से कम आठ बच्‍चों को जन्‍म दें और बड़े परिवार का चलन समाज में आम बनाया जाए. उस वक्‍त पुतिन ने कहा था कि हमारे यहां कई जातीय समूहों में ये परंपरा रही है कि उनके यहां कई पीढ़ी एक साथ रहती थीं और घर में चार, पांच या उससे भी अधिक बच्‍चे होते थे. हमारे रूसी समाज में भी हमारे दादा-परदादा और नाना-परनानी के जमाने में सात, आठ या उससे अधिक बच्‍चों का होना आम बात थी. 


गौरतलब है कि रूस में 1999 के बाद इस वक्‍त जन्‍म दर सबसे कम है. इस साल जून माह में पूरे देश में एक लाख से भी कम शिशुओं का जन्‍म हुआ. इस साल की पहली छमाही में करीब छह लाख बच्‍चों का जन्‍म हुआ जिनकी संख्‍या पिछले साल की इसी अवधि में 16000 कम है. जनवरी से लेकर जून तक की मृत्‍यु दर की बात की जाए तो इस अवधि में करीब सवा तीन लाख मौतें हुईं. यानी प्राकृतिक रूप से जन संपदा घट रही है. इस बारे में क्रेमलिन में प्रवक्‍ता दिमित्री पेश्‍कोव ने कहा था कि ये भविष्‍य के लिए एक आपदा के समान है.