Ukraine Army New Military Chief: रूस के हमले की शुरुआत से ही यूक्रेन (Ukraine) के जमीनी बलों के कमांडर रहे ओलेक्जेंडर सिर्स्की (Oleksandr Syrsky) को बड़ी जिम्मेदारी मिल गई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने ओलेक्जेंडर सिर्स्की को इस जोखिम भरे समय में यूक्रेन का मिलिट्री चीफ बना दिया है. बता दें कि यह कदम युद्ध के लगभग दो साल बाद तब उठाया गया है कि जब जंग में थके सैनिकों के बीच वैलेरी जालुझनी की पॉपुलैरिटी कम हो गई. आइए जानते हैं कि ओलेक्जेंडर सिर्स्की कौन हैं और वह किस स्ट्रेटेजी पर काम कर सकते हैं.


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क्यों बदला गया यूक्रेन का मिलिट्री चीफ?


बता दें कि अभी तक यह साफ नहीं है कि नए मिलिट्री चीफ ओलेक्जेंडर सिर्स्की क्या बदलाव लाएंगे या ला सकते हैं. राष्ट्रपति जेलेंस्की के करीबियों का मानना है कि पुराने कमांडर वैलेरी को इस वजह से हटाया गया क्योंकि उनकी प्लानिंग सीमित संसाधनों के हिसाब से बहुत ज्यादा महत्वाकांक्षी थी. बताया जा रहा है कि ओलेक्जेंडर सिर्स्की की नेतृत्व में यूक्रेनी सेना जवाबी हमले करने के बजाय अपने आपको बचाने में ताकत खर्च करेगा.


कौन हैं ओलेक्जेंडर सिर्स्की?


जान लें कि ओलेक्जेंडर सिर्स्की की उम्र अभी 58 साल है. ओलेक्जेंडर सिर्स्की जमीनी बलों के कमांडर के रूप में काम कर चुके हैं. ओलेक्जेंडर सिर्स्की की लीडरशिप में ही युद्ध के शुरुआती महीने में कीव की रक्षा की गई थी. इसके बाद 2022 के आखिर में ओलेक्जेंडर सिर्स्की के नेतृत्व में भी खार्किव में एक सफल जवाबी हमले किया गया था.


जेलेंस्की ने की सिर्स्की की तारीफ?


गौरतलब है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी नए मिलिट्री चीफ ओलेक्जेंडर सिर्स्की की तारीफ कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि रक्षा करने में उनका खासा अनुभव है. कीव की रक्षा करके ओलेक्जेंडर सिर्स्की ने ये दिखाया था. वह चाहें तो जवाबी हमला भी अच्छे से कर सकते हैं. खारकीव में ये देखने को मिला था. 2024 यूक्रेन के लिए बहुत अहम साल है.


सिर्स्की की सैनिकों में कैसी है पकड़?


हालांकि, ओलेक्जेंडर सिर्स्की को कमांडर इन चीफ बनाए जाने के फैसले से युद्ध के मैदान में सैनिकों के बीच प्रतिक्रिया हो सकती है. खबरें ये भी है कि सैनिकों के बीच, ओलेक्जेंडर सिर्स्की को नापसंद किया जाता है. ओलेक्जेंडर सिर्स्की को सैनिक सोवियत स्टाइल का कमांडर मानते हैं. कहा जाता है कि ओलेक्जेंडर सिर्स्की ने यूक्रेन के पूर्वी शहर बखमुत में लंबे समय तक सैनिकों को खतरे में डाल रखा था. आखिरकार फिर वो इलाका रूस के कब्जे में चला गया. वहां हजारों यूक्रेनी सैनिक मारे गए थे. जबकि इस जगह का सामरिक महत्व भी सीमित ही था.


सिर्स्की को क्यों कहा जाता है कसाई?


कुछ यूक्रेनी सैनिक तो ओलेक्जेंडर सिर्स्की को कसाई भी कहते हैं. एक हाई रैंक अफसर ने बताया कि मैं ज्यादा तो नहीं जानता, पर जो अपने जूनियर्स से सुना है वह बता सकता हूं. सैनिक ओलेक्जेंडर सिर्स्की का सम्मान नहीं करते हैं. कहा जाता है कि ओलेक्जेंडर सिर्स्की को सैनिकों की जिंदगी की कोई परवाह नहीं रहती है.