दमिश्क: हाल ही में बीते शनिवार (7 अप्रैल) को सीरिया में पूर्वी दमिश्क के डोउमा में हुए रासायनिक हमले में 70 से 100 लोगों की मौत हो गई, जो कि इस देश के गृहयुद्ध की तारीख में पिछले सात सालों में सबसे भयावह और मानवता को झकझोरने वाली घटना है. विपक्ष समर्थक गोता मीडिया सेंटर ने कहा कि 75 से अधिक लोगों का दम घुट गया, जबकि हजारों लोगों को सांस लेने में तकलीफ से जूझना पड़ा. इसने आरोप लगाया कि हेलीकॉप्टर से विषाक्त नर्व एजेंट सरीन से युक्त बैरल बम गिराया गया.


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सीरियाई सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है. सरकारी एजेंसी सना ने एक आधिकारिक सूत्र के हवाले से बताया कि आतंकवादियों के गढ़ में उनसे निपटने के लिए आगे बढ़ रही सेना के अभियान में बड़ी बाधा डालने की खबरें मिली हैं. सना ने कहा कि सीरियाई अरब सेना को किसी रासायनिक चीज का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि आतंकवादियों के मीडिया सहयोगियों द्वारा दावा किया गया है.


रासायनिक हमले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीरिया के राष्ट्रपति असद को जानवर असद कहकर संबोधित किया था. ट्रंप ने ट्वीट कर कहा था, "जानवर असद को डोउमा शहर में कथित रासायनिक हमलों के लिए बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी." घटना के बाद सीरिया सरकार समर्थित सेना ने डोउमा में पत्रकारों, जांचकर्ताओं और सहायताकर्मियों को जाने से रोक दिया है. एक संक्षिप्त नजर रासायनिक हमले से जुड़े पूरे घटनाक्रम पर....



अबतक जो हम जानते हैं


कई स्वतंत्र चिकित्सकीय और राहत दलों के मुताबिक दमिश्क के नगर प्रांत डोउमा के करीब 500 लोगों में रासायनिक हमले के लक्षण पाए गए; जैसे आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और मुंह व नाक से सफेद झाग.


निवासियों ने कहा कि एक अजीब सी महक के बाद उनलोगों ने आसमान से कुछ गिरने की आवाज सुनी. चश्मदीदों के मुताबिक आसमान से गिरने वाली चीज क्लोरिन थी.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक डोउमा के बेसमेंट में करीब 70 लोग मौत की आगोश में समा गए. जांच में सामने आया कि उनमें से 43 लोगों की मौत काफी अधिक जहरीले रसायन की वजह से हुई. 


सरकार-विरोधी कार्यकर्ताओं ने एक वीडियो प्रसारित किया है, जिसमें ग्राफिक इमेज के जरिए दिखाया कि कैसे एक परिवार के लोग अपने घरों में पसरे हुए हैं, दम घुटने के कारण उनलोगों की मौत हो गई. चिकित्सकीय और राहत दलों के अनुसार शनिवार (7 अप्रैल) को एक चिकित्सा केंद्र के बाहर काफी संख्या में पीड़ित कतार में नजर आए.


हजारों की संख्या में विद्रोही लड़ाके रविवार (8 अप्रैल) को इस बात के लिए राजी हुए कि वे इलाके को सरकार को सौंप देंगे और सरकार के नियंत्रण वाले देश के उत्तरी हिस्से के बाहरी इलाक में बसों से रवाना होंगे. 


लेकिन हम जो नहीं जानते


डोउमा के जो लोग जख्मी हुए या फिर जिनकी मौत हुई है, वे रासायनिक हमले का ही शिकार हुए हैं इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो सकी है. सीरिया की स्टेट न्यूज मीडिया ने इस बात को खारिज किया है कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया और विद्रागी समूहों पर आरोप लगाया कि वे अंतर्राष्ट्रीय ताकतों की मदद से सरकार के खिलाफ साजिश कर रहे हैं. रूस और ईरान जो कि सीरिया के साथ हैं ने भी इस बात को खारिज किया है कि असद सरकार ने रासायनिक हमलों का इस्तेमाल किया. हालांकि अमेरिका और उनके गठबंधनों का मानना है कि रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ है.


संयुक्त राष्ट्र हमले को लेकर जिम्मदारी तय करने में नकान रहा है. वहीं दूसरी ओर अमेरिकी की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया देखने को मिली है, जबकि रूस ने कहा है कि ट्रंप प्रशासन सोच समझकर कदम उठाए.


अमेरिका फिलहाल डोउमा में रासायनिक हमला के सबूतों के निर्धारण में जुटा हुआ है और यह जानने की कोशिश कर रहा है कि आखिर वहां किस रासायनिक हमले की इस्तेमाल हुआ है. अमेरिका इस बात की भी बारीकी से जांच कर रहा है कि हमला असद सरकार ने कराया, या सीरियाई सरकार के समर्थित बलों ने.


(इनपुट एजेंसी से भी)