जब US-UK, इजरायल की थपथपा रहे थे पीठ; उस वक्त PM मोदी ने फिलीस्तीन के इस तरह पोछे आंसू
Israel-Hamas War: इजरायल-हमास के बीच जहां कुछ देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ फिलिस्तीन के साथ हैं. वहीं भारत ने इस मसले पर जहां हमास के आतंकी हमले की निंदा की वहीं यह भी साफ कर दिया कि वह स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य का समर्थक है.
India-Palestine Relations: इजरायल हमास युद्ध में जहां यूएस और ब्रिटेन जैसे देश इजरायल के खुलकर सपोर्ट में आ गए हैं. वहीं पीएम मोदी ने गाजा के लोगों के आंसू पोंछने का फैसला किया है. भारत ने युद्धग्रस्त फिलिस्तीन को मानवीय सहायता भेजी है. फिलिस्तीन के लोगों के लिए लगभग 6.5 टन मेडिकल मदद और 32 टन आपदा राहत सामग्री लेकर IAF C-17 की फ्लाइट रविवार को मिस्र पहुंची.
विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'फिलिस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता मिस्र पहुंची. भारतीय राजदूत ने राहत सामग्री मिस्र की रेड क्रिसेंट को सौंपी.'
भारत ने भेजी है ये राहत सामग्री
भारत ने जो राहत सामग्री भेजी है उसमें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता उपयोगिताएं, जल शोधन टैबलेट सहित अन्य जरूरी चीजें शामिल हैं.'
इजरायल पर आतंकी हमले की निंदा और स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन
बता दें इजरायल-हमास के बीच जारी जंग ने दुनिया को दो हिस्सों में बांट दिया है जहां कुछ देश इजरायल का समर्थन कर रहे हैं तो कुछ फिलिस्तीन के साथ हैं. दूसरी तरफ भारत ने इस मसले पर जहां हमास के आतंकी हमले की निंदा की वहीं यह भी साफ कर दिया कि वह स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य का समर्थक है.
7 अक्टूबर को फिलिस्तीनी आतंकी ग्रुप हमास द्वारा इजरायल पर किए अब तक के सबसे बड़े हमले को भारत ने आतंकी हमला करार दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर की शाम को ही एक्स पर पोस्ट करके कहा, 'इजराइल में आतंकवादी हमलों की खबर से गहरा सदमा लगा है. हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं निर्दोष पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं. हम इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं.'
भारत ने साफ किया फिलिस्तीन पर अपना रुख
इसके बाद 12 अक्टूबर को विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया भारत स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य के पक्ष में है. मंत्रालय की ओर से कहा गया, 'इस संबंध में हमारी नीति लंबे समय से एक ही रही है. भारत ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त सीमाओं के तहत इज़रायल के साथ एक आज़ाद, संप्रभु और व्यवहार्य फ़िलिस्तीन राज्य की स्थापना की वकालत की है.'