Who built Tutankhamun Tomb: मिस्र के राजा तूतेनखामेन, रहस्यों के चादर में इस तरह से लिपटा हुआ है कि एक रहस्य के बारे में जानकारी मिलने के बाद दूसरा रहस्य सामने आ जाता है. तूतनखामेन को 9 साल की उम्र में राजा क्यों बनाया गया. वो 9 साल तक ही राजपाट क्यों कर सका. इस विषय पर रहस्य कायम है. 1922-23 में अगर ब्रिटिश पुरातत्व विशेषज्ञों ने उसके मकबरे की खुदाई ना की होती तो शायद इस नाबालिग राजा के बारे में दुनिया नहीं जानती. तूतेनखामेन ने 9 साल की उम्र में 9 साल तक क्या किया होगा उसके बारे में ठोस जानकारी नहीं है, लेकिन उसके कब्र(Tutankhamun tomb story) में मिला खजाना और मौत की वजहों से चर्चा में आ गया. इन सबके बीत आपके मन में सवाल भी उठ रहा होगा कि आखिर मकबरे(tutankhamun tomb owner name) को कौन बनवाया था.


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अलग अलग जानकारी


रीव्स सहित कुछ विद्वानों को टुट की कब्र फैरो के हिसाब से थोड़ी छोटी लगती है. कुछ लोगों ने सोचा है कि जब तूतनखामुन की अचानक मृत्यु(Tutankhamun Sudden Death) हो गई तो पहले से ही निर्मित कब्र को नया शक्ल दिया गया होगा. लेकिन मकबरे में ढेर सारी कलाकृतिया थीं और चार कमरों में से केवल एक दफन कक्ष की दीवारों पर प्लास्टर और पेंटिंग की गई थी. उस समय दूसरे शाही कब्रों से कहीं अधिक सजावट थी.  टुट की कब्र की पेंटिंग्स उसके बाद के जीवन में आध्यात्मिक संक्रमण के पहले चरण की झलक मिलती है.



पहले ही बन चुका था मकबरा


रीव्स के अनुसार 80 प्रतिशत या  उससे अधिक दफन कलाकृतियां अखेनातेन सहित पहले के शासकों द्वारा पुनर्निर्मित किए जाने की तरफ इशारा करती हैं. उनके मुताबिक टुट के लिए एक छोटे मकबरे को बड़ा करने के बजाय एक बड़े मकबरे के हिस्से को दीवार से बंद कर दिया होगा. उनका मानना ​​है कि कब्र का मूल मालिक नए खोजे गए कक्षों में से एक में हो सकता है और वो नेफर्टिटी था जिसे फैरो स्मेंखकारा के रूप में दफनाया गया था. हालांकि हवास का मानना ​​है कि एटन के पंथ में नेफर्टिटी ने जो प्रमुख भूमिका निभाई उससे यह संभावना नहीं है कि उसे किंग्स की घाटी(Tutankhamun tomb in kings valley) में दफनाया गया था जो कि देवता अमून के लिए पवित्र क्षेत्र था. जानकार कहते हैं कि मिस्र के राजाओं ता इतिहास रहस्यों से भरा रहा है. दरअसल तीन हजार साल पहले मिस्र का इतिहास तो समृद्ध रहा लेकिन वहां के राजा दुनिया से कटे रहे. वो अपनी शर्तों के हिसाब से समकालीन राजाओं से संबंध रखते थे लिहाजा वो आज भी शोध के लिए बड़े विषय माने जाते हैं.