मैड्रिड: आज के समय में पालतू जानवरों को भी फैमिली मेंबर जैसा लाड-प्यार मिलता है. उनकी पसंद-नापसंद का पूरा ख्याल रखा जाता है. लेकिन जब परिवार बिखरता है, तो इनके भविष्य पर भी संकट आ जाता है. ये सवाल खड़ा हो जाता है कि उनकी जिम्मेदारी कौन उठाएगा? तलाक या ब्रेकअप की स्थिति में पालतू बिल्ली या कुत्ता (Family Cat or Dog) किसके साथ रहेगा? स्पेन (Spain) ने इस संबंध में कानून बनाकर ऐसे सवालों को ही खत्म कर दिया है.


इन बातों पर करना होगा विचार


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स्पेन में बुधवार यानी 5 जनवरी को लागू हुए नए कानून (New Law) में पहली बार पालतू जानवरों को 'जीवित, संवेदनशील प्राणी' के रूप में मान्यता मिली है, न कि केवल वस्तु के रूप में. इस कानून के अमल में आने के बाद अब तलाक के मामलों में कुत्ते, बिल्ली, सुनहरी मछली, कछुए या किसी पक्षी की देखभाल कौन करेगा, ये तय करते समय अदालतों को जानवर के कल्याण के साथ-साथ परिवार की जरूरतों पर भी विचार करना होगा. 


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पालतू जानवर भी परिवार के सदस्य


कानून में कहा गया है कि पालतू जानवर भी परिवार के सदस्य हैं. कई मामलों में पति-पत्नी को अलग होने पर उनकी कस्टडी साझा करनी चाहिए. स्पेन अब फ्रांस, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और पुर्तगाल के समूह में शामिल होकर जानवरों को संवेदनशील प्राणियों के रूप में पहचानने वाला नवीनतम यूरोपीय देश बन गया है. इसका उद्देश्य कानूनी तकरार को समाप्त करना है, जो अक्सर पालतू जानवरों को रखने वाले जोड़ों के बीच होती है.


भलाई की गारंटी देनी होगी


स्पेन का नया कानून कहता है मालिकों को पालतू जानवर की भलाई की 'गारंटी' देनी होगी. अगर पति या पत्नी के पास जानवरों के प्रति क्रूरता या उनके पूर्व साथी के खिलाफ लिंग हिंसा का इतिहास है, तो उसे जानवर पालने या उसकी कस्टडी देने से इनकार किया जा सकता है. स्पेन की नागरिक संहिता में संशोधन करने वाला ये कानून कहता है कि अदालतों को पालतू जानवरों की कस्टडी के मामले पर फैसला सुनाते हुए उनके कल्याण पर भी विचार करना चाहिए.