Mahjoub Mahjoubi: फ्रांस के झंडे को ‘शैतानी’ कहने वाले इमाम महजौब महजौबी कौन हैं?
France News: इमाम महजौब महजौबी को फ्रांस से निष्कासित कर दिया गया है. आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि फ्रांस के इमिग्रेशन सुधारों की वजह से इमाम का तत्काल डिपोर्टेशन को संभव हो सका.
French flag: फ्रांस (France) ने एक ‘कट्टरपंथी’ इमाम को निष्कासित कर दिया है. आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने कहा कि इमाम ने देश के झंडे के बारे में ‘अस्वीकार्य टिप्पणी’ की थी. बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह की शुरुआत में ऑनलाइन वायरल हुए एक वीडियो में महजौब महजौबी (Mahjoub Mahjoubi) फ्रांसीसी झंडे (French Flags) को ‘शैतानी’ कहती नजर आए थे.
डर्मैनिन ने कहा कि फ्रांस के इमिग्रेशन सुधारों की वजह से इमाम का तत्काल डिपोर्टेशन को संभव हो सका. दूसरी तरफ इमाम ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और कहा कि उनका इरादा अनादर करने का नहीं था.
38 साल से फ्रांस में रह रहे थे महजौबी
महजोब महजौबी, ट्यूनीशिया (Tunisia) से हैं लेकिन 38 साल पहले फ्रांस आए थे. वह फ्रांस के दक्षिण में छोटे से शहर बैगनॉल्स-सुर-सेज़ (Bagnols-sur-Cèze) में एटाउबा मस्जिद के इमाम थे.
महजौबी को इस सप्ताह की शुरुआत में एक वीडियो के ऑनलाइन वायरल होने के बाद गिरफ्तार किया गया था. वीडियो में उन्होंने कथित रूप से ‘तिरंगे झंडे’ को ‘शैतानी’ कहा और बोले कि ‘अल्लाह के लिए इसका कोई मूल्य नहीं है.’
बीबीसी कि रिरपोर्ट के हालांकि मुताबिक उन्होंने किसी विशिष्ट झंडे का उल्लेख नहीं किया, लेकिन वीडियो के अंतर्गत कई कमेंट्स में माना गया कि उनका मतलब फ्रांसीसी ध्वज से था.
इमाम ने जताया खेद
इमाम ने बाद में कहा कि अगर उन्होंने कोई अपराध किया है तो उन्हें खेद है. उन्होंने सफाई दी कि झंडे के बारे में उनकी टिप्पणी ‘जुबान की फिसलन’ थी.
दारमानिन ने गुरुवार को, एक्स पर लिखा कि उन्होंने महज़ौब महज़ौबी के लिए निष्कासन आदेश जारी करने के लिए कहा था. और सख्त नए इमिग्रेशन कानूनों की तारीफ की, जो फ्रांस के लिए विदेशी निवासियों को निर्वासित करना आसान बनाता है.
आंतरिक मंत्री ने लिखा, ‘आव्रजन कानून के बिना, यह संभव नहीं होता. दृढ़ता ही नियम है.‘
डर्मैनिन ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘गिरफ्तारी के 12 घंटे से भी कम समय में उन्हें निष्कासित कर दिया गया.’ उन्होंने नए कानून ‘फ्रांस को मजबूत बनाते हैं’
निष्कासन ऑर्डर में क्या कहा गया?
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसीसी मीडिया ने कुछ निष्कासन आदेश प्रकाशित किए, जिसमें कहा गया कि इमाम ने ‘इस्लाम की प्रतिगामी, असहिष्णु और हिंसक छवि को बढ़ावा दिया.’ इसमें कहा गया है कि उनकी शिक्षाओं ने महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, ‘यहूदी समुदाय के साथ तनाव’ और ‘जिहादी कट्टरपंथ’ को बढ़ावा दिया. आदेश के मुताबिक, उन्होंने यहूदी लोगों को 'दुश्मन' भी कहा.