तेल अवीव: प्रधानमंत्री पद पर काबिज बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई के साथ रविवार को नफ्ताली बेनेट ने इजरायल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली. रविवार देर रात नई सरकार के पक्ष में 60, जबकि विरोध में 59 सांसदों ने वोट किया. इसके साथ ही 12 साल से पीएम पद पर काबिज नेतन्याहू का कार्यकाल खत्म हो गया.


चुनाव को बताया अहम


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कभी नेतन्याहू के करीबी रहे और दक्षिणपंथी यामिना पार्टी के नेता नफ्ताली बेनेट ने अपने ही मेंटर को प्रधानमंत्री पद की रेस में हरा दिया है. संसद में बहुमत हासिल करने के बाद 49 वर्षीय नेता बेनेट अब इजरायल के नए प्रधानमंत्री चुने गए हैं. 


बेनेट के संसद में संबोधन के दौरान कहा कि उन्हें गर्व है कि वह अलग-अलग विचार के लोगों के साथ काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वह इस निर्णायक वक्त में इस जिम्मेदारी को उठा रहे हैं. साथ ही उन्होंने माना कि देश में जो माहौल था, उससे बाहर निकलने के लिए चुनाव बेहद जरूरी हो गए थे.


कौन हैं नफ्ताली बेनेट?


बेनेट यहूदी धर्म से ताल्लुक रखते हैं और तेल अवीव उपनगर में रहते हैं. वह बेंजामिन नेतन्याहू के पूर्व सहयोगी रहे हैं. नेतन्याहू के 12 साल के शासन को खत्म करने के लिए बेनेट ने मध्य और वाम धड़े के दलों से हाथ मिलाया है.


उनकी कट्टर राष्ट्रवादी यामिना पार्टी ने मार्च में हुए चुनाव में 120 सदस्यीय नेसेट (इजरायल की संसद) में महज सात सीटें जीती थीं. लेकिन उन्होंने नेतन्याहू या अपने विरोधियों के आगे घुटने नहीं टेके और किंगमेकर बन कर उभरे. अपनी धार्मिक राष्ट्रवादी पार्टी से एक सदस्य के पार्टी छोड़ने के बावजूद आज सत्ता का ताज उनके सिर पर है.


फिलिस्तीनी आजादी के विरोधी


बेनेट लंबे समय तक नेतन्याहू का दाहिना हाथ रहे. लेकिन वह उनके गठबंधन के तौर तरीकों से नाखुश थे. संसद में कम बहुमत के बावजूद वह दक्षिणपंथी, वामपंथी और मध्यमार्गी दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने में सफल रहे और इस वजह से आगे उनके लिए रास्ता आसान नहीं होगा.


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बेनेट फिलिस्तीनी आजादी के विरोधी हैं और वह कब्जे वाले वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम में यहूदी बस्तियों के घोर समर्थक हैं जिसे फिलिस्तीनी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के कई देश शांति की प्रक्रिया में बड़ा रोड़ा मानते हैं. अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा के दबाव में आकर बस्तियों के निर्माण कार्य को धीमा करने के नेतन्याहू के कदम का बेनेट ने जबर्दस्त विरोध किया था. हालांकि अपने पहले कार्यकाल में ओबामा शांति प्रक्रिया बहाल करने में नाकाम रहे थे.


इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के प्रमुख योहानन प्लेज्नर ने कहा कि वह एक दक्षिणपंथी नेता हैं, सुरक्षा को लेकर सख्त हैं, लेकिन वह एक व्यवहारिक सोच रखने वाले नेता हैं.