Saudi Arabia: किंग सलमान के फर्जी साइन कर सऊदी- यमन में किसने शुरू करवाई जंग? नाम सामने आने से मचा तहलका
Saudi Arabia Yemen Houthi Rebel War Update: सऊदी अरब और यमन के हूती विद्रोहियों के बीच चल रही जंग को 10 साल हो चुके हैं. इस जंग में अब तक डेढ़ लाख लोग मर चुके हैं. अब नया खुलासा हुआ है कि यह जंग सऊदी किंग सलमान के फर्जी साइन करके शुरू की गई थी.
MBS's role in Saudi-Yemen war: क्या सऊदी अरब ने यमन की हूती विद्रोहियों के खिलाफ अभियान अपने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की सनक को पूरा करने के लिए किया था? सऊदी अरब से भागे एक पूर्व अधिकारी अधिकारी ने दावा किया है कि हूतियों को सबक सिखाने के लिए सलमान ने शाही फरमान पर अपने पिता के फर्जी हस्ताक्षर किए थे. इस फरमान के साथ ही सऊदी अरब ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ मिलकर हूतियों के खिलाफ हमले शुरू कर दिए थे. यह दावा हाल ही में जारी हुई बीबीसी की एक रिपोर्ट में किया गया है.
प्रिंस सलमान ने क्यों दिया हूतियों पर हमले का आदेश?
सऊदी अरब से भागे इस पूर्व अधिकारी का नाम साद अल-जाबरी है. जाबरी का कहना है कि करीब 10 साल पहले मोहम्मद बिन सलमान की उम्र महज 29 साल थी, जब उनके पिता किंग सलमान ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी और देश का रक्षा मंत्री नियुक्त किया था. देश की सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए उसने यमन के हूती विद्रोहियों से युद्ध शुरू करने का फैसला किया. वे विद्रोही शिया इस्लाम को मानने वाले हैं, जबकि सऊदी अरब सुन्नी इस्लाम को फॉलो करता है.
शाही फरमान पर अपने पिता के कर दिए फर्जी साइन!
जाबरी का दावा है कि उस वक्त किंग सलमान की सेहत खराब चल रही थी और मेंटल हेल्थ भी ठीक नहीं थी. इस स्थिति का फायदा उठाते हुए MBS ने शाही फरमान पर अपने पिता के फर्जी हस्ताक्षर कर हूतियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया. पूर्व अधिकारी का कहना है कि जैसे ही यमन में सेना भेजने का आदेश आया, सबको उस पर बहुत हैरानी हुई क्योंकि सऊदी अरब आमतौर पर इस तरह की सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं होता. बाद में सऊदी अरब के गृह मंत्रालय से जुड़े एक भरोसेमंद अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि शाही फरमान पर किंग सलमान के फर्जी साइन किए गए हैं.
पुराने वक्त को याद करते हुए अल-जाबरी ने कहा कि जब इस शाही फरमान का पता रियाद में तैनात सीआईए स्टेशन प्रमुख को चला तो उन्होंने इस पर ऐतराज जताया. साथ ही कहा कि इस तरह के बड़े फैसलों में सऊदी अरब और यहां के प्रिंस को अमेरिका की अनदेखी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने यमन पर हमले से बचने की पैरवी भी की.
ईरान को सबक सिखाने का इरादा था लेकिन...
सऊदी अरब के इस पूर्व अधिकारी ने खुलासा करते हुए बताया कि यमन के हूती विद्रोही शियाओं के सबसे बड़े मुल्क ईरान के करीब हैं और मिडिल ईस्ट में उसके प्रॉक्सी के रूप में काम करते हैं. ऐसे में ईरान को कमजोर करने के लिए मोहम्मद बिन सलमान ने यह युद्ध शुरू करने का फैसला किया था. जंग के ऐलान के वक्त वादा किया गया था कि यह युद्ध जल्द खत्म हो जाएगा लेकिन दस साल बाद भी इस लड़ाई के खत्म होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. इस युद्ध में अब तक डेढ़ लाख लोग मारे जा चुके हैं, जिसकी वजह से यह जंग दुनिया की सबसे बड़ी मानवीय आपदा बन गई है.
कनाडा ने प्रत्यर्पण से कर दिया इनकार
अल-जाबरी फिलहाल कनाडा में निर्वासित जीवन बिता रहे हैं. उनके दो बेटों को एक झूठा मामला बनाकर सऊदी अरब की सरकार ने जेल में ठूंसा हुआ है. इसके साथ ही अल-जाबरी के खिलाफ भ्रष्टाचार का केस दर्ज कर सऊदी अरब सरकार ने उनके खिलाफ इंटरपोल के जरिए गिरफ्तारी नोटिस भी जारी करवा रखा है. हालांकि कनाडा ने उसे प्रत्यर्पित करने से इनकार कर दिया है.
'मुझे मरवाना चाहता है प्रिंस सलमान'
जाबरी का कहना है कि MBS उन्हें सऊदी अरब बुलवाकर मरवाना चाहता है. जाबरी का कहना है, मोहम्मद बिन सलमान जब तक मुझे मरा हुआ नहीं देख लेगा, उसे चैन नहीं आएगा. इसके बारे में मुझे कोई शक नहीं. जाबरी के इन सनसनीखेज आरोपों पर सऊदी अरब सरकार ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है. हालांकि कुछ सरकारी अधिकारियों ने उसे बदनाम पूर्व सरकारी अधिकारी बताया है, जिस पर कई केस दर्ज हैं.