कांगो: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के 21 कर्मचारियों ने कांगो में महिलाओं और नाबालिग लड़कियों को हवस का शिकार बनाया था. एक स्वतंत्र जांच में यह बात सामने आई है कि अफ्रीकी देश में 2018 से 2020 के दौरान इन वारदातों को अंजाम दिया गया. WHO के कर्मचारी इबोला महामारी से लड़ने के लिए कांगो गए थे, तभी उन्होंने कई महिलाओं और लड़कियों का यौन उत्पीड़न किया. 


WHO प्रमुख ने कही ये बात


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‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, स्वतंत्र कमेटी की जांच में कर्मचारियों पर लगे आरोपों की पुष्टि होने के बाद WHO प्रमुख टेड्रोस एडनम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने घटना पर दुख जताया है. टेड्रोस ने कहा कि गुनाह करने वालों को सजा दिलाना उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है. जांच टीम ने यह भी पाया कि हॉस्पिटल में भर्ती महिलाओं के साथ भी यौन हिंसा की गई थी. 


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इस तरह बनाते थे शिकार


करीब 83 ऐसे लोगों का पता चला जिन्होंने इबोला महामारी के दौरान महिलाओं का यौन शोषण किया था और इनमें से 21 WHO के कर्मचारी थे. प्रभावितों की मदद करने गए ये कर्मचारी महिलाओं की ड्रिंक में नशीली चीजें मिलाने के बाद उन्हें अपनी हवस का शिकार बनाते थे. जबकि कुछ महिलाओं का कहना है कि नौकरी के वादे के नाम पर उनका यौन शोषण किया गया. 


50 Women ने लगाए थे आरोप


पीड़ित महिलाओं ने यह भी बताया कि यौन हमले के दौरान आरोपी कंट्रासेप्शन का इस्तेमाल नहीं करते थे और बाद में अबॉर्शन के लिए दबाव बनाते थे. कुछ पीड़ित महिलाओं ने बताया कि एक डॉक्टर ने भी नौकरी का वादा करके उनके साथ रेप किया था. इन घटनाओं को लेकर जांच तब शुरू हुई थी जब करीब 50 महिलाओं ने मदद करने वाले लोगों पर गंभीर आरोप लगाए थे. गौरतलब है कि इबोला महामारी के दौरान कांगो में करीब दो हजार लोगों की मौत हो गई थी.