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बेंगलुरु: कई महिलाओं की रेप के बाद हत्या (Rape & Murder) करने वाले सीरियल रेपिस्ट उपेश रेड्डी (Serial Rapist Umesh Reddy) को कर्नाटक हाई कोर्ट (Karnataka High Court) से राहत नहीं मिली है. निचली अदालत द्वारा दी गई फांसी की सजा बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने रेड्डी की उम्रकैद की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. रेड्डी पानी के बहाने महिलाओं के घर में घुसता था. वो अक्सर ऐसी महिलाओं को निशाना बनाता था, जो घर में अकेली होती थीं.
‘द ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, सीरियल रेपिस्ट उपेश रेड्डी (Umesh Reddy) को नौ महिलाओं के साथ दरिंदगी और हत्या के आरोप में दोषी करार दिया गया है. हालांकि, पुलिस का कहना है कि उसने कम से कम 18 महिलाओं के साथ रेप और उनकी हत्या की है. अपराधी के चंगुल से बची कई महिलाएं समाज के डर के चलते सामने नहीं आई हैं. इस वजह से उसे केवल 9 मामलों में दोषी ठहराया गया है.
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए उमेश रेड्डी की फांसी की सजा को बरकरार रखा. जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस प्रदीप सिंह की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अपराध को देखते हुए दोषी नरमी का हकदार नहीं है. वहीं, मामले में जांच करने वाले इंस्पेक्टर बीएन न्यामेगौड़ा ने बताया कि उमेश बेहद क्रूर और शातिर किस्म का अपराधी है. वह सुबह 11 बजे से 2 बजे के बीच घर में अकेले रहने वाली महिलाओं को निशाना बनाता था. वह पांच बार पुलिस को चकमा भी दे चुका था.
रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्रीय सशस्त्र रिजर्व बल (CRPF) में शामिल होने के बाद ही उमेश की आपराधिक प्रवृत्ति शुरू हो गई थी. ट्रेनिंग के बाद वह कश्मीर में तैनात था और अपने कमांडेंट की बेटी के साथ ही रेप करने के बाद फरार हो गया था. उस वक्त उसके आपराधिक इतिहास के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी, इसलिए CRPF से भागकर वह चित्रदुर्ग आ गया और नवंबर 1996 में जिला सशस्त्र रिजर्व (डीएआर) में कांस्टेबल बन गया. हालांकि, यहां भी उसकी हरकतें बंद नहीं हुई और उसे एक बलात्कार के मामले में पकड़ा गया था.
दोषी ने पहले चित्रदुर्ग के केईबी कॉलोनी में एक लड़की के साथ बलात्कार करने की कोशिश की, लेकिन लड़की ने शोर मचा दिया. कुछ ही दिनों बाद उसने उसी जिले में एक महिला के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी. उसे 1997 में बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन दो महीने के भीतर ही वह जेल से भाग गया. जांच अधिकारी ने बताया कि रेड्डी पहली बार तब भागा जब उसे मार्च 1997 में बेल्लारी जेल से शिफ्ट किया जा रहा था. बाद में उसे जुलाई 1997 में महिलाओं के अंडरगारमेंट्स चोरी करने का प्रयास करते हुए गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 24 घंटे के अंदर वह फरार हो गया था. उसे पीन्या पुलिस ने 28 फरवरी 1998 को उस समय पकड़ा, जब वह एक महिला की हत्या कर भागने की कोशिश कर रहा था, मगर कोर्ट लाए जाने के दौरान फरार हो गया.
पांच नाबालिगों सहित कम से कम 18 महिलाओं के बलात्कार और हत्या में शामिल उमेश पानी पीने या किराए पर कमरा देखने के बहाने लोगों के घर के अंदर घुसता फिर हथियार दिखाकर महिलाओं को रस्सी से बांध देता था. इसके बाद बलात्कार के बाद उनकी हत्या करके घर से निकल जाता. उमेश मानसिक रोगी है, वह हत्या के बाद महिलाओं के अंडरगारमेंट्स भी अपने साथ ले जाता था. रेड्डी को आखिरकार 17 मई 2002 को यशवंतपुर पुलिस ने ऑटोरिक्शा चालक की निशानदेही पर सैलून से गिरफ्तार किया था. फरवरी 2009 में निचली अदालत ने उमेश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी.