जर्मनी के इस शहर में 13000 लोगों को छोड़ना पड़ा अपना घर, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान
Germany News: शहर के कुछ निवासी अपने घरों से बाहर निकलते समय अपने पालतू जानवरों को भी अपने साथ ले गए. 2017 में, फ्रैंकफर्ट में 65,000 लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
दूसरे विश्व युद्ध के समय का बम पाए जाने के बाद जर्मनी के डसेलडोर्फ में अधिकारियों ने 13,000 निवासियों को अस्थायी रूप से अपने घर छोड़ने आदेश दिया. जर्मन समाचार आउटलेट डॉयचे वेले (डीडब्ल्यू) ने कहा कि पुलिस और बम दस्ते ने बिना फटे बम को नष्ट करने के लिए एक अभियान चलाया.
एक टन वजनी इस गोले का पता 7-8 अगस्त को हुई थी. आउटलेट ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि इसकी खोज शहर के चिड़ियाघर के पास वर्किंग आवर्स के दौरान की गई थी.
बता दें समय-समय पर ऐसी रिपोर्टें सामने आती रहती हैं जिनमें कहा जाता है कि दो विश्व युद्धों के बचे हुए हजारों बम अभी भी जर्मनी में दबे हुए हैं. डसेलडोर्फ में, अधिकारियों ने बम के स्थान के 500 मीटर के दायरे में सभी निवासियों को क्षेत्र खाली करने का आदेश दिया. निपटान अभियान के दौरान निकासी क्षेत्र के भीतर की सड़कों को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था.
कुछ निवासी अपने घरों से बाहर निकलते समय अपने पालतू जानवरों को भी अपने साथ ले गए. हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि कि ऑपरेशन कब पूरा हुआ और ये प्रतिबंध कब हटाए गए.
2017 में 65 हजार लोगों को छोड़ना पड़ा था घर
2017 में, फ्रैंकफर्ट में 1.4 टन के बम की खोज के कारण 65,000 लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. दिसंबर 2021 में, म्यूनिख स्टेशन के पास एक निर्माण स्थल पर द्वितीय विश्व युद्ध का बम विस्फोट हुआ, जिसमें चार लोग घायल हो गए और रेल यातायात बाधित हो गया.
स्मिथसोनियन मैगज़ीन के अनुसार, 1940 और 1945 के बीच, अमेरिकी और ब्रिटिश वायु सेना ने यूरोप पर 2.7 मिलियन टन बम गिराए, जिनमें से आधे जर्मनी पर गिरे थे.