India-China Trade: बी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि कैथरीन ताई इन दिनों भारत दौरे पर हैं. शुक्रवार को उन्होंने बी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत की, जिसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल थे. वाणिज्य मंत्रियों के पैनल डिस्कशन में मंच पर वह पीयूष गोयल की बाईं ओर बैठी हुई थीं. कैथरीन ताई के नाम से चीन चिढ़ उठता है.


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चीन को मिला करारा जवाब
 
दरअसल इस डिस्कशन में चीन के वाणिज्य मंत्री वांग शोउवेन भी थे. पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि चीन की अगुवाई वाले क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी आरसीईपी गठजोड़ का भारत के हिस्सा न बनने की वजह यह रही कि इससे व्यापार घाटा बढ़ जाता.  गोयल ने शोउवेन से पूछा कि क्या चीन को भारत के आरसीईपी का हिस्सा न बनने का अफसोस है. इस पर चीन के मंत्री ने कहा कि अगर भारत इस समझौते का हिस्सा बना होता तो दोनों देशों के बीच व्यापार संभावनाएं और भी बढ़ी होतीं जिससे दोनों देशों को फायदा होता.


इस पर गोयल ने कहा, द्विपक्षीय व्यापार बढ़ा रहता लेकिन उसके साथ व्यापार घाटा भी बढ़ जाता. चीन के साथ 130 अरब डॉलर का व्यापार चीन के पक्ष में झुके होने को लेकर हम पहले से ही चिंतित हैं. भारतीय उद्योग जगत का मानना है कि आरसीईपी का हिस्सा बनने की स्थिति में व्यापार बढ़ने के साथ घाटा भी बढ़ जाता.


'भारत का दिल अमेरिका से जुड़ा है'


इसके बाद गोयल ने अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस की तरफ इशारा करते हुए कहा कि भारत का 'दिल' अमेरिका से जुड़ा हुआ है. इस बात से तो चीन को मिर्ची लगी होगी. रही सही कसर कैथरीन ताई की मौजूदगी ने पूरी कर दी.  क्योंकि कैथरीन ताई लगातार चीन की नीतियों और ताइवान को लेकर चीन का विरोध करती रहती हैं. ऊपर से कैथरीन चीनी मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. उनके माता-पिता चीन में पैदा हुए और ताइवान में उनकी परवरिश हुई. चीन ताइवान पर अपना अधिकार जताता है. वहीं ताइवान का कहना है कि वह एक स्वतंत्र राष्ट्र है.


कैथरीन को मिला है राजदूत का दर्जा


बता दें कि कैथरीन अमेरिका की व्यापार प्रतिनिधि हैं. उन्हें राजदूत का दर्जा मिला हुआ है. 18 मार्च 2021 को कैथरीन ताई को यूएस का ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव नियुक्त किया गया था. यूएस ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ऑफिस (USTR) के मुताबिक, राष्ट्रपति के कैबिनेट के मेंबर के तौर पर, राजदूत कैथरीन ताई यूएस ट्रेड पॉलिसी पर चीफ ट्रेड एडवाइजर, प्रवक्ता, और वार्ताकार हैं. कैथरीन ताई के पिता अमेरिकी में सरकारी नौकरी करते थे. इसका फायदा ताई को भी मिला है. वह चीन-ताइवान के मुद्दे पर काफी मुखर रही हैं. 


(एजेंसी इनपुट के साथ)