यूक्रेन को No Flying Zone घोषित क्यों नहीं कर रहा NATO? जानें क्या होता है इसका मतलब
यूक्रेन को नो फ्लाइंग जोन (No Flying Zone) घोषित करने से मना करने पर राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) NATO पर काफी भड़के हुए हैं.
नई दिल्ली: पिछले 10 दिनों से रूस और यूक्रेन की सेनाएं युद्ध लड़ रही हैं. रूस की सेना यूक्रेन की सेना पर लगातार हावी हो रही है. यूक्रेन की राजधानी कीव की सीमाओं पर रूसी के सेना हथियारों के साथ खड़ी है.
NATO से नाराज जेलेंस्की
इस बीच यूक्रेन को नो फ्लाइंग जोन (No Flying Zone) घोषित करने से मना करने पर राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) NATO पर काफी भड़के हुए हैं. उनका कहना है कि पश्चिमी सैन्य गठबंधन ने ऐसा न करके अब रूसी हमलों को और बढ़ावा दे दिया है. ऐसे में कुछ लोगों के मन में यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर यह नो-फ्लाइंग जोन होता क्या है और यह लागू होने के बाद क्या बदलाव आते हैं? आइए जानते हैं नो फ्लाइंग जोन के बारे में.
क्या होता है No Flying Zone?
नो-फ्लाइंग जोन का मतलब होता है वह क्षेत्र जिसके ऊपर से कोई भी हवाई जहाज, लड़ाकू विमान, हैलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर सके. कई बार सुरक्षा व्यव्स्था को ध्यान में रखते हुए संवेदनशील इलाकों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए इसका ऐलान किया जाता है. इसके अलावा भी किसी खास मौके पर किसी निश्चित इलाके को नो-फ्लाईंग जोन घोषित कर दिया जाता है.
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यूक्रेन को नो-फ्लाइंग जोन क्यों नहीं घोषित करना चाहता NATO?
ऐसी हालत में सवाल उठ रहा है कि क्यों NATO यूक्रेन में नो फ्लाइंग जोन लागू करने से मना कर रहा है. आपको बता दें कि NATO का मानना है अगर अमेरिका समेत NATO (The North Atlantic Treaty Organization) के सहयोगी यूक्रेन को नो-फ्लाइंग जोन का ऐलान करता है तो पहले से जो तनाव और अतिक्रमण जारी है वह और बढ़ सकता है और माहौल बिगड़ सकता है. ऐसा माना जा रहा है कि जब अमेरिकी फौज रूसी सैनिकों से लड़ रही होंगी तो यह आधिकारिक तौर पर जंग की शुरुआत हो सकती है.
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