World Largest Navy Exercise: अभी इजरायल-हमास और रूस यूक्रेन के बीच जंग हो रही है. हालांकि इन दोनों मोर्चे से हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका की सीमा में एक युद्धाभ्यास हो रहा है, जिसमें दुनिया भर के 29 देशों से 150 से ज्यादा युद्धपोत और 25 हजार सैनिक मौजूद हैं. इसमें भारत का एक युद्धपोत भी शामिल हो चुका है. इतनी बड़ी तैयारी जिस देश के लिए हो रही है उसका नाम है चीन और समंदर में भारत-अमेरिका सहित 29 देशों ने जिनपिंग सेना के खिलाफ मोर्चा बना लिया है.


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दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री एक्सरसाइज में भारत का INS शिवालिक पहुंच गया है. ये एक्सरसाइज अमेरिका के हवाई द्वीप समूह में हो रही है, जिसमें भारत सहित 29 देशों के युद्धपोत शामिल हैं. सबसे पहले आप RIMPAC (रिमपैक) एक्सरसाइज का मतलब समझिए. फिर आपको इसमें चीन के खिलाफ बन रहे प्लान के बारे में बताएंगे.



इतनी दूरी तक जाने का मतलब ये भी है कि भारतीय नौसेना दुनिया के किसी भी इलाके में ऑपरेट कर सकती है. आईएनएस शिवालिक एक स्टेल्थ फ्रिगेट है यानी ये रडार पर आसानी से नजर नहीं आता है. 6000 टन का ये युद्धपोत हवा में मार करने वाली बराक मिसाइलों से लैस है. भारत में ही बना शिवालिक समंदर में सबमरीन के खिलाफ टॉरपीडो भी फायर कर सकता है. भारत के अलावा इसमें दूसरे देशों के भी बड़े युद्धपोत और एयरक्राफ्ट शामिल हो रहे हैं.


इस एक्सरसाइज में एयरक्राफ्ट करियर का बैटल ग्रुप भी शामिल होगा. साथ ही आसमान और समंदर दोनों में ड्रोन की मदद निगरानी की जाएगी और समंदर किनारे हमले का अभ्यास भी किया जाएगा. किसी भी सैन्य अभ्यास का मकसद होता है ताकत का प्रदर्शन और अमेरिका और भारत के साथ मिलकर 29 देश अभी यही काम कर रहे हैं. अब सवाल है कि 29 देशों के युद्धाभ्यास का टारगेट कौन है.


माना जाता है कि RIMPAC चीन के खिलाफ अमेरिका का एक समुद्री गठबंधन है. साल 2014 और 2016 में इस युद्धाभ्यास में चीन भी शामिल था. पर उसके बाद से चाइनीज नौसेना को इसका हिस्सा नहीं बनाया गया. RIMPAC में कई ऐसे देश शामिल हैं जिनका चीन के साथ समंदर में सीमा विवाद है. और इनके साथ अमेरिका के आने का मतलब ये है कि अमेरिका की अगुवाई में चीन के खिलाफ एक मजबूत मोर्चाबंदी तैयार है.