भारत के क्रोध से पाकिस्तान बहुत घबराया हुआ है. और इसी घबराहट में उसने दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए अब एक नई चाल चली है . 


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पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की सरकार ने बहावलपुर में मौजूद जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को अपने कब्ज़े में ले लिया है. DNA में हमने इसी मंगलवार को मसूद अज़हर के आतंक की फैक्ट्री की तस्वीरें आपको दिखाई थीं. ज़ामिया सुभान अल्लाह नामक ये वही सफेद मस्ज़िद है, जहां मज़हबी तालीम के नाम पर जेहादियों और आतंकवादियों की भर्ती होती है. और जैश के मुख्यालय और पाकिस्तानी सेना के 31 कोर के Headquarter के बीच की दूरी भी सिर्फ 8 से 9 किलोमीटर की है. लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव की वजह से अब इस सफेद मस्ज़िद को कब्ज़े में ले लिया गया है. और वहां पर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए गए हैं.


यानी पाकिस्तान एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश कर रहा है. एक तरफ वो दुनिया को ये संदेश देना चाहता है कि वो आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहा है. जबकि, दूसरी तरफ इसी बहाने वो आतंकवादियों की सुरक्षा में भी जुट गया है. क्योंकि उसे शक़ है कि भारत जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय पर हमला कर सकता है.


इस बीच हमारे देश में लोग अब ये पूछ रहे हैं, कि पुलवामा हमले के बाद भारत क्या करेगा ? 8 दिन बीत गए हैं, लेकिन भारत ने कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की है ? और लोग जानना चाहते हैं, कि भारत कब और कैसे हमला करेगा ? ऐसे सभी लोगों को आज हम ये बताना चाहते हैं, कि भारत की कार्रवाई आज से 8 दिन पहले ही शुरु हो गई थी. और भारत का हमला कई मोर्चों पर हो रहा है. इसके कुछ उदाहरण देख लीजिए.


भारत की आक्रामक नीति की वजह से पाकिस्तान की सेना बहुत परेशान है. इस वक्त आप पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा की जो तस्वीरें देख रहे हैं, वो तस्वीरें आज की हैं. पाकिस्तान के सेना प्रमुख इन दिनों Line Of Control का दौरा कर रहे हैं. और युद्ध की तैयारियों का जायज़ा ले रहे हैं. क्योंकि पाकिस्तान की सेना को डर लग रहा है, कि भारत कभी भी सैन्य कार्रवाई कर सकता है.


इसे भारत का आक्रामक तेवर ही कहेंगे, कि पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्रालय को Press Release जारी करके, दुनिया को बताना पड़ रहा है, कि उन्होंने बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के Headquarter को अपने कब्ज़े में ले लिया है. यानी दिखावे के लिए ही सही, पाकिस्तान को आतंकवादियों पर कार्रवाई करनी पड़ी है.


ठीक इसी तरह भारत ने सुरक्षा परिषद से भी ये कहलवा लिया, कि पुलवामा हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद ज़िम्मेदार है. ये शायद पहली बार हुआ है, जब सुरक्षा परिषद के बयान में सीधे-सीधे पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठन का नाम शामिल किया गया होगा. ये भारत का कूटनीतिक हमला है.


इसके अलावा पाकिस्तान पर कई तरह के आर्थिक दबाव भी डाले जा रहे हैं. जिससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को कमज़ोर किया जा सके. 


Soft War वाली कूटनीति के तहत भारत...पाकिस्तान को इस बात का जवाब भी दे रहा है, कि कश्मीर के युवा भटके हुए नहीं हैं. उदाहरण के तौर पर इन तस्वीरों को देखिए. जब बारामूला में भारतीय सेना की भर्ती के लिए कश्मीरी युवा लाइन में लग गये और देश की सेवा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई. ऐसे युवाओं की संख्या सैकड़ों में थी.


यानी पुलवामा हमले के बाद भारत सिर्फ सैन्य मोर्चे पर युद्ध नहीं लड़ रहा. बल्कि ये युद्ध कई मोर्चों पर लड़ा जा रहा है. क्योंकि, मौजूदा स्थिति में सर्जिकल स्ट्राइक की संभावना नहीं है. अब कुछ और किया जाएगा, जिससे पाकिस्तान को संभलने का मौका ना मिले. और जो कुछ भी होगा, वो सर्जिकल स्ट्राइक से भी ज़्यादा विनाशकारी होगा.


पिछले 8 दिनों में पूरी दुनिया ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की ज़बरदस्त बेइज़्ज़ती की है और ये सिलसिला लगातार जारी है.


इस वक्त पाकिस्तान की मानसिक स्थिति कैसी है, आज उसका भी Live प्रसारण हुआ. आज शाम चार बजे, पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने एक Press Conference की. जो क़रीब 48 मिनट तक चली. और इस दौरान सिर्फ और सिर्फ भारत की बातें हुईं. इन 48 मिनटों के दौरान आसिफ गफूर ने वर्ष 1947 से लेकर 14 फरवरी 2019 तक...भारत में हुए हर आतंकवादी हमले के लिए भारत को ही ज़िम्मेदार ठहरा दिया. और इस दौरान ऐसे-ऐसे झूठ बोले, और कुतर्क दिए जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते. 


मेजर जनरल आसिफ गफूर के मुताबिक, 13 दिसम्बर 2001 को जब भारत की संसद पर हमला हुआ था, उस वक्त भारत में लोकसभा चुनाव और राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला था. जबकि ये बात 100 फीसदी झूठ है. उस समय ना तो लोकसभा चुनाव हुए थे और ना ही राष्ट्रपति चुनाव. 
उन्होंने मुंबई हमलों का भी ज़िक्र किया. और ये कहने की कोशिश की, कि भारत ने खुद ही अपने ऊपर वो हमले करवाए थे. जबकि सच ये है कि पाकिस्तान ने ही 2008 में मुंबई पर आतंकवादी हमला करवाया था.


ठीक इसी तरह पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले के लिए उन्होंने कश्मीरी नौजवान को ज़िम्मेदार ठहराया. जबकि सच्चाई ये है, कि पाकिस्तान में बैठे मसूद अज़हर और उसके संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने खुद इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है. 


ये सिर्फ कुछ उदाहरण हैं. मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आज झूठ के कई मिसाइल छोड़े हैं, और हम उन सभी मिसाइलों को तथ्यों की मदद से वापस पाकिस्तान की तरफ भेजेंगे. वैसे 48 मिनट की Press Conference का एक दिलचस्प पहलू ये भी था, कि पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता, बहुत घबराए हुए और व्याकुल नज़र आ रहे थे. आज हम पाकिस्तान के इस डर का भी विश्लेषण करेंगे. इसके लिए हम युद्ध के संदर्भ में कही गई एक बात का ज़िक्र करना चाहते हैं.


पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जिस प्रकार की कूटनीति की है, उसे आप इस कथन से जोड़ कर देख सकते हैं.भारत ने अब तक पाकिस्तान के खिलाफ भले ही सामरिक युद्ध की शुरुआत ना की हो. लेकिन, रणनीतिक युद्ध की मदद से भारत ने पाकिस्तान को अकेला कर दिया है. और बिना युद्ध लड़े ही, इस वक्त पाकिस्तान की हालत बहुत बुरी हो चुकी है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, अब ये देखिए.