नई दिल्ली : आज अगर मैं आपसे ये कहूं कि अब से कुछ ही घंटों में रुपये या फिर करेंसी का इतिहास बदलने वाला है तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे, या फिर आपको ये भी लग सकता है कि नोटबंदी जैसी घटना फिर से हो सकती है लेकिन खबर ये है कि करेंसी से जुड़ी ये घटना भारत में नहीं बल्कि जापान में होने वाली हैं। 


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जापान 1 अप्रैल से बिटक्वाइन को कानूनी रूप से मान्यता देने जा रहा है। FSA यानी जापान की Financial Services Agency ने आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि की है। इसका मतलब ये है कि आप जापान में किसी भी तरह की खरीददारी के लिए बिटक्वाइन का इस्तेमाल कर सकते हैं।


बिटक्वाइन के बारे में DNA में हम पहले ही बता चुके हैं। लेकिन जो दर्शक बिटक्वाइन के बारे में नहीं जानते हैं उनके मन में ये सवाल उठ रहा होगा कि आखिर ये बिटक्वाइन क्या है? हम आपको इसके बारे में बहुत ही संक्षेप में समझा देते हैं। बिटक्वाइन एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जो ना तो किसी को दिखाई देती है, और ना ही इसे कोई छू सकता है। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि जिस करेंसी को कोई देख नहीं सकता और छू नहीं सकता वो दुनिया की सबसे मूल्यवान करेंसी है। क्योंकि बिटक्वाइन के एक सिक्के की कीमत आज की तारीख में करीब 68 हज़ार रुपये है। 


अब आप ये जानना चाह रहे होंगे कि आखिर ये बिटक्वाइन कैसे काम करता है?


बिटक्वाइन दुनिया की पहली डिसेंट्रेलाइज्ड, क्रिप्टो करेंसी है। जो ख़ासतौर पर डिजिटल दुनिया के लिए बनाई गई है। बिटक्वाइन का इस्तेमाल पूरी दुनिया में कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। बिटक्वाइन के ज़रिए कोई भी व्यक्ति दुनिया में किसी भी व्यक्ति को रकम भेज सकता है। और सबसे बड़ी बात ये है कि इसके लिए किसी बैंक या थर्ड पार्टी एजेंसी की मदद नहीं लेनी पड़ती।


यानी आप जो पैसा किसी को भेजना चाहते हैं,उस पैसे को सीधे अपने बिटक्वाइन वैलेट से, दूसरे व्यक्ति के बिटक्वाइन वैलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं। दुनिया भर में इस वक्त लाखों लोग साधारण करेंसी की जगह बिटक्वाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी दुनिया में पैसों के कानूनी लेन देन के लिए बैंक्स का इस्तेमाल करना पड़ता है। लेकिन बिटक्वाइन एक ऐसी व्यवस्था है, जिस पर किसी एजेंसी या सरकार का नियंत्रण नहीं है। बिटक्वाइन के तहत लेन-देन सीधे दो लोगों के बीच होता है। ये लेन-देन पूरी तरह से इन्क्रिप्टेड होता है, यानी ये पैसों के लेन देन का एक सुरक्षित और सुपरफास्ट तरीका है।


हालांकि इस करेंसी के अपने ख़तरे भी है। ये पूरी तरह सुरक्षित नहीं है अगर बिटक्वाइन से जुड़ी कोई गड़बड़ हो जाती है तो किसी दोषी व्यक्ति को पकड़ना बहुत मुश्किल है। इसके लिए आप किसी सुरक्षा एजेंसी, न्यायालय या सरकार के पास नहीं जा सकते क्योंकि बिटक्वाइन बैंक पर निर्भर नहीं है। सरकार का नियंत्रण ना होने की वजह से इस करेंसी की वैल्यू ऊपर नीचे होती रहती है।


लोग गलत कामों के लिए और प्रतिबंधित वस्तुएं खरीदने के लिए भी बिटक्वाइन का इस्तेमाल कर रहे हैं। और दुनिया भर की कई सरकारों और बैंकर्स ने फिलहाल इसे कानूनी मान्यता नहीं दी है। 6 साल पहले जब बिटक्वाइन शुरू हुआ था तो उसकी कीमत सिर्फ 6 रुपये थी। लेकिन प्रचलन में आने के बाद ज्यादा से ज्यादा लोग इसे खरीदने की कोशिश करने लगे और बिटक्वाइन की कीमत लगातार बढ़ती गई।