आज का पंचांग 4 जुलाई 2022: सोमवार को शिवजी को ऐसे करें प्रसन्न, जानें शुभ मुहूर्त, राहुकाल
Aaj Ka Panchang: आज सोमवार है और आज पंचांग के अनुसार सोमवार व्रत भी है. इसलिए आज महादेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए. धर्म ग्रंथों की मानें तो महादेव का अस्तित्व हर युग में देखा गया है. इनके जन्म जन्मांतर का अभी तक कोई सटीक प्रमाण नहीं है. देवाधिदेव महादेव धैर्य का प्रतीक हैं.
नई दिल्लीः Aaj Ka Panchang: आज सोमवार है और आज पंचांग के अनुसार सोमवार व्रत भी है. इसलिए आज महादेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए. धर्म ग्रंथों की मानें तो महादेव का अस्तित्व हर युग में देखा गया है. इनके जन्म जन्मांतर का अभी तक कोई सटीक प्रमाण नहीं है. देवाधिदेव महादेव धैर्य का प्रतीक हैं.
एक लोटा जल से खुश हो जाते हैं महादेव
मनुष्य का सफल वैवाहिक जीवन धैय और सामंजस्य पर ही टिका होता है और हर मनुष्य को महादेव से सीखना चाहिए कि विपरित परिस्थितियों में भी धैर्य कैसा रखा जाता है. महादेव की पूजा के लिए बहुत जटिल विधि नहीं हैं. वह एक लोटा सादे जल से भी खुश हो जाते है. महादेव तो सिर्फ भक्ति भाव देखते हैं. सोमवार को विशेषकर शिवलिंग पर बेलपत्र, कनेर पुष्प, धतूरा, चंदन जरूर चढ़ाएं.
सोमवार को भगवान शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है और इस दिन व्रत करने से भगवान शिव और देवी पार्वती प्रसन्न होते हैं. सोमवार का व्रत बेहद ही सरल होता है.
सोमवार व्रत के नियम
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व होता है. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र ग्रहण करें. यदि संभव हो तो मंदिर में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करें और व्रत की कथा जरूर सुनें. हिंदू शास्त्रों के अनुसार सोमवार के व्रत में तीन पहर में एक बार ही भेजना करना चाहिए. व्रत में फलाहार लिया जा सकता है.
सोमवार व्रत के प्रकार
सोमवार का व्रत तीन प्रकार का होता है. इसमें साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार शामिल हैं. तीनों ही व्रत का विधि-विधान और पूजा के नियम एक समान ही हैं. इनमें एक बार भोजन करना चाहिए.
आज का पंचांग
आषाढ़ - शुक्ल पक्ष - पंचमी तिथि - सोमवार
नक्षत्र - मघा नक्षत्र
महत्वपूर्ण योग - सिद्धि योग
चंद्रमा का सिंह राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त – रवि योग 08.43 से
राहु काल- 07.30 बजे से 09.10 बजे तक
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आटे और देसी घी को मिलाकर एक पिंड बनाएं. उसे पान के पत्ते पर एक मिष्ठान के साथ रखकर सिंदूर से तिलक करें. उस पर दूध अर्पित करने के बाद एक मिट्टी का दीपक प्रज्वलित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें. यह कार्य सायंकाल से पहले ही करें.
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