नई दिल्ली. Ahoi Ashtami 2022 अहोई अष्टमी हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने संतान की सलामती के लिए व्रत रखती हैं. अहोई अष्टमी दिवाली पूजा से आठ दिन पहले और करवा चौथ के चार दिन बाद मनाई जाती है. अहोई अष्टमी उत्तर भारत के लोगों के बीच अधिक लोकप्रिय है. यह त्योहार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष के आठवें दिन पड़ती है. 


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अहोई अष्टमी आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में आती है. इस वर्ष अहोई अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा. अष्टमी तिथि 17 अक्टूबर, 2022 को सुबह 09 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 अक्टूबर, 2022 को सुबह 11 बजकर 57 मिनट पर समाप्त होगी. अहोई अष्टमी पूजा का मुहूर्त शाम को 06 बजकर 13 मिनट से 07 बजकर 27 मिनट यानी कुल 01 घंटा 14 मिनट की अवधि तक रहेगा.


व्रत विधि
अहोई अष्टमी व्रत रखने वाली महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं. दिन की शुरुआत अहोई माता की पूजा के साथ होती है. व्रत का पालन करने वाली महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. बाद में अहोई माता की पूजा करने के बाद रात में उपवास समाप्त किया जाता है. इस अवसर पर कुछ महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए व्रत भी रखती हैं.


अहोई अष्टमी 2022: महत्व
अहोई अष्टमी का त्योहार देवी अहोई या अहोई माता को समर्पित होता है. इस दिन व्रत रखने से बच्चों को देवी अहोई का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन चंद्रमा की बजाए तारों को अर्घ्‍य दिया जाता है. पंचांग के अनुसार, इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. मान्‍यता है कि इस योग में संतान के लिए रखा गया व्रत विशेष रूप से फलदायी माना जाता है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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