Kartik Maas Upay: कार्तिक मास में जरूर करें ये खास उपाय, दांपत्य जीवन होगा खुशहाल

Kartik Maas Upay: हिंदू धर्म में कार्तिक माह को सर्वश्रेष्ठ महीना माना जाता है. भगवान विष्णु के प्रिय इस मास में किए गए पूजा-पाठ, अनुष्ठान और दान से जातक के सभी पापों का नाश होता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 14, 2022, 11:25 AM IST
  • कार्तिक मास मे करें शालिग्राम का दान
  • सूर्य को अर्घ्य देने से सभी दोष होंगे दूर
Kartik Maas Upay: कार्तिक मास में जरूर करें ये खास उपाय, दांपत्य जीवन होगा खुशहाल

नई दिल्ली. Kartik Maas Upay कार्तिक मास में तुलसी की पूजा, सेवन और सेवा करने का बहुत ही ज्यादा महत्व है. इस माह में तुलसी पूजा का महत्व कई गुना माना गया है. तुलसी की पूजा भगवान शालिग्राम के साथ ही करना चाहिए. इससे सभी तरह के रोग और शोक मिट जाते हैं और जीवन में सुख शांति बढ़ जाती है. कार्तिक माह में कार्तिक प्रबोधिनी एकादशी पर तुलसी विवाह भी होता है.

शालिग्राम का दान
जो मनुष्य कार्तिक मास मे शालिग्राम शिला का दान करता है उसे सम्पूर्ण पृथ्वी के दान का फल मिलता है.

नदी स्नान
इस मास में श्री हरि जल में ही निवास करते हैं. अतः इस माह में पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत ज्यादा महत्व है. मदन पारिजात के अनुसार कार्तिक मास में इंद्रियों पर संयम रखकर चांद-तारों की मौजूदगी में सूर्योदय से पूर्व ही पुण्य प्राप्ति के लिए स्नान नित्य करना चाहिए.

सूर्य को अर्घ्य
इस माह में सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देने से सभी तरह के दोष दूर हो जाते हैं.

भूमि शयन
कार्तिक मास में भूमि पर सोना लाभदायक माना गया है. इससे मन में सात्विकता का भाव पैदा होता है और अन्य तरह के विकार समाप्त हो जाते हैं.

पीला कपड़ा
यदि आप नौकरी या कारोबार में तरक्की चाहते हैं तो कार्तिक माह के किसी गुरुवार के दिन तुलसी के पौधे पर पीला रंग का कपड़ा बांध दें. इसे कारोबार में उन्नती और नौकरी में प्रमोशन मिलता है.

शुक्रवार की पूजा का महत्व
 -कार्तिक माह के सभी शुक्रवार को मां लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करने से धन-संपदा की प्राप्ति के साथ दांपत्य जीवन भी खुशहाल होता है.
- इस जन्म में जो पाप होते है वह सब कार्तिक मास मे दीपदान करने से नष्ट हो जाता है.
- जो मनुष्य कार्तिक मास मे रोज नाम जप करते है उन पर भगवान विष्णु प्रसन्न रहते है.
- जो मनुष्य कार्तिक मास मे तुलसी ,पीपल या आंवले का वृक्षारोपण करते है वह पेड़ जब तक प्रथ्वी पर रहते हैं लगाने वाला तब तक बैकुण्ठ में वास करता है.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

यह भी पढ़िए- Kartik Mass: कार्तिक मास में इन नियमों का करें पालन, धन समृद्धि में होगी अपार वृद्धि

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप. 

ट्रेंडिंग न्यूज़