नई दिल्ली. Chanakya Niti आचार्य चाणक्य का मानना है कि पति के लिए वहीं पत्नी उपयुक्त होती है, जो मन, वचन और कर्म से एक जैसी हो. इसके साथ वह अपने कार्यों में पूरी तरह से निपुण हो. इतना ही नहीं वह अपने पति से प्रेम करने वाली तथा सत्य वोलने वाली होनी चाहिए. चाणक्य के अनुसार ऐसी स्त्री को ही श्रेष्ठ पत्नी माना जाता है.


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सा भार्या या शुचिर्दक्षा सा भार्या या पतिव्रता।


सा भार्या या पतिप्रीता सा भार्या सत्यवादिनी।।


इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने आर्दश पत्नी के गुणों की चर्चा करते हुए यह संकेत भी किया है कि पति को कैसा होना चाहिए. लोग ये चाहते हैं कि पत्नी अपने पति से कुछ न छिपाए, लेकिन पत्नी से अपनी बातों को छिपाना अपना अधिकार मानते हैं. 


चाणक्य कहते हैं कि अगर घर संभालने का कार्य पत्नी कुशलता से करती है तो पति को क्या करना चाहिए? अगर पत्नी अपने पति से प्रेम करती है तो पति का क्या काम होता है. उनका कहना है कि ये सभी बातें पति और पत्नी दोनों के लिए एक समान होनी चाहिए. पति को भी घर संभालने में मदद करनी चाहिए और पत्नि के सामान ही उसे प्रेम करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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