नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में आम जिंदगी में काम आने वाली बातों के बारे में बताया है. इनका पालन करके व्यक्ति जीवन में आने वाली कठिनाईयों से बच सकता है. चाणक्य नीति में पति, पत्नी, धन, संपत्ति, स्त्री और दांपत्य जीवन से जुड़ी कई बातों का जिक्र किया गया है. आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी तीन चीजें हैं जिसे लोगों को हमेशा अपने पास रखना चाहिए.


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चाणक्य नीति श्लोक
पृथ्वी त्रीणि रत्नानि जलमन्नं सुभाषितम्। 
मूढा: पत्थर के टुकड़े मणि संज्ञा विधि।।


जल और अन्न
अर्थात जल, अन्न और मीठे वचन पृथ्वी के सभी रत्नों में सबसे अनमोल रत्न हैं. उनके सामने हीरा, मोती, पन्ना और सोना पत्थरों के समान हैं. आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पृथ्वी में जल की मात्रा सबसे अधिक है परन्तु पीने योग्य जल बहुत कम है. जल के बिना मानव जीवन संभव नहीं है. इसी तरह मानव पोषण के लिए भोजन भी आवश्यक है.


मीठे वचन
पानी और भोजन से व्यक्ति अपनी जान बचा सकता है. इनसे शरीर को पोषण मिलता है और बल और बुद्धि में वृद्धि होती है. उसी प्रकार मीठे वचनों से मनुष्य चाहे तो शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर उन्हें अपना मित्र बना सकता है. इसलिए यह रत्न बहुत कीमती है. चाणक्य कहते हैं कि फिर भी मनुष्य इन रत्नों को छोड़कर पत्थरों के पीछे भागता है. उनका पूरा जीवन दुखों से भर जाता है.


गायत्री मंत्र 
आचार्य चाणक्य ने गायत्री मंत्र को दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंत्र बताया है. गायत्री माता को वेदमाता कहा जाता है. इन्हीं से चारों वेदों की उत्पत्ति हुई है. इस दुनिया में दान से बड़ी कोई चीज नहीं है. आचार्य चाणक्य के अनुसार अन्न और जल का दान इस पृथ्वी पर किया जाने वाला सबसे महान दान है।


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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