Chandra Grahan 2023: चंद्र ग्रहण कितने बजे से लगेगा? जानें भारत में सूतक काल का समय
Chandra Grahan 2023: आज यानी 28 अक्तूबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था. आज लगने वाला ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इस वजह से सूतक काल लागू रहेगा. चंद्र ग्रहण रात 1:05 बजे से रात 2:24 बजे तक रहेगा.
नई दिल्लीः Chandra Grahan 2023: आज यानी 28 अक्तूबर को साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इसके पहले साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा वाले दिन लगा था. आज लगने वाला ग्रहण भारत में दिखाई देगा. इस वजह से सूतक काल लागू रहेगा. चंद्र ग्रहण रात 1:05 बजे से रात 2:24 बजे तक रहेगा.
जानें सूतक का समय कब से कब तक
चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण शुरू होने से ठीक 9 घंटे पहले से शुरू हो जाता है और ग्रहण खत्म होने के साथ सूतक भी खत्म हो जाता है. चंद्र ग्रहण के समय दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है. अगर इस दौरान राशि अनुसार दान किए जाते हैं तो कुंडली के कई दोषों का असर कम सकता है. चंद्र ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 मिनट से शुरू हो जाएगा.
चंद्र ग्रहण का समय
ग्रहण प्रारंभ: मध्य रात्रि 01:05
ग्रहण मध्य: मध्य रात्रि 01:44
ग्रहण समाप्त: मध्य रात्रि 02:24
ग्रहण अवधि: 1 घंटा 19 मिनट
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण
चंद्र ग्रहण भारत के अलावा नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया, चीन, ईरान, रूस, कजाकिस्तान, सऊदी अरब आदि देशों में देखा जाएगा.भारत में यह दिल्ली, गुवाहाटी, जम्मू, कोलकाता और लखनऊ, मदुरै, मुंबई, पटना, चेन्नई, हरिद्वार, द्वारका, देहरादून समेत कई शहरों में नजर आएगा .
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
यह चंद्र ग्रहण अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में हो रहा है. अश्विनी नक्षत्र और मेष राशि में जन्मे व्यक्तियों के लिए विशेष अशुभ फलदाता और दुर्घटना का भय रहेगा. आश्विन मास में चंद्र ग्रहण होने से कहीं प्रकृति-प्रकोप, दुर्भिक्ष भय, भूकंप से जन-धन की हानि आशंका भी रहेगी. इसके साथ ही लोहा, क्रूड आयल व लाल रंग की वस्तुओं में तेजी आ सकती है. शासकों में मतभेद, डॉक्टर, वैद्य व व्यापारियों को कष्ट व पीड़ा बढ़ सकती है.
सूतक काल में क्या न करें
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य और पूजा-पाठ करने की मनाही होती है. ग्रहण के दौरान कई तरह की विशेष सावधानियां बरती जाती हैं. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए. ग्रहण के बाद दान-पुण्य, स्नान और अपने ईष्ट देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए.
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