Dhanteras Puja Time: शुरू होने वाला है धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त, जानें- आपके शहर में कब है सही समय?
Gold Purchases Shubh Muhurat Today:दिवाली की शुरुआत का प्रतीक धनतेरस, समृद्धि के लिए भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करके मनाया जाता है. इस साल, धनतेरस पूजा के लिए अच्छा समय 29 अक्टूबर को शाम 6:57 बजे से रात 8:21 बजे तक है.
Dhanteras Puja Time: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव का पहला दिन धनतेरस आज, 29 अक्टूबर को दुनिया भर में भारतीयों द्वारा मनाया जा रहा है. इस शुभ दिन पर, भारत भर में भक्त भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं, समृद्धि और स्वास्थ्य की प्रार्थना करते हैं. कीमती धातुएं और अन्य वस्तुएं खरीदना एक लंबे समय से चली आ रही परंपरा है, माना जाता है कि इससे सौभाग्य और समृद्धि आती है.
पूजा और सोने की खरीदारी के लिए धनतेरस शुभ मुहूर्त समय
इस साल धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 6:57 बजे से रात 8:21 बजे के बीच है. शाम 5:55 बजे से रात 8:21 बजे तक प्रदोष काल और शाम 6:57 बजे से रात 9:00 बजे तक वृषभ काल का समय है. त्रयोदशी तिथि 29 अक्टूबर को सुबह 10:31 बजे शुरू होगी और 30 अक्टूबर को दोपहर 1:15 बजे तक जारी रहेगी, जो अनुष्ठानों और खरीदारी के लिए एक शुभ समय है.
धनतेरस पर सोना और चांदी खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय प्रदोष काल का होता है. प्रत्येक शहर में समय अलग-अलग हो सकता है. यहां प्रमुख शहरों में धनतेरस के सबसे अच्छे मुहूर्त के बारे में बताया गया है.
पुणे: शाम 7:01 बजे से रात 8:33 बजे तक
नई दिल्ली: शाम 6:31 बजे से रात 8:13 बजे तक
चेन्नई: शाम 6:44 बजे से रात 8:11 बजे तक
जयपुर: शाम 6:40 बजे से रात 8:20 बजे तक
हैदराबाद: शाम 6:45 बजे से रात 8:15 बजे तक
गुड़गांव: शाम 6:32 बजे से रात 8:14 बजे तक
चंडीगढ़: शाम 6:29 बजे से रात 8:13 बजे तक
कोलकाता: शाम 5:57 बजे से शाम 7:33 बजे तक
मुंबई: शाम 7:04 बजे से रात 8:37 बजे तक
बेंगलुरु: शाम 6:55 बजे से रात 8:22 बजे तक
अहमदाबाद: शाम 6:59 बजे से रात 8:35 बजे तक
नोएडा: शाम 6:31 बजे से रात 8:12 बजे तक
धनतेरस पर समृद्धि के लिए क्या खरीदें?
धनतेरस पर सामान खरीदने की परंपरा है, लोग धन और सौभाग्य के प्रतीक के रूप में घर में सोना, चांदी और तांबे की वस्तुएं लाते हैं. आम वस्तुओं में लक्ष्मी और गणेश की मिट्टी या धातु की मूर्तियां खरीदी जाती हैं. यह दिन धन्वंतरि जयंती से भी जुड़ा है, जिसमें चिकित्सा और आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है.
पूजा विधि (Dhanteras 2024 Timing)
इस दिन की रस्मों में प्रदोष काल स्थिर लग्न के दौरान लक्ष्मी माता की पूजा करना शामिल है. सरसों के तेल से दीया जलाकर उसे बाहर रखना मृत्यु के देवता भगवान यम को दिखाना होता है, ताकि बुराई दूर हो और असामयिक मृत्यु ना मिले.
पूजा विधि में शामिल हैं:
1. घर की सफाई और घर को लाइट, फूल और रंगोली से सजाना.
2. अनुष्ठान स्नान करना और मूर्तियों के सामने घी का दीया जलाना.
3. सोना, चांदी या अन्य प्रतीकात्मक वस्तुएं खरीदना.
4. स्थिर लग्न और प्रदोष काल के दौरान पूजा करना.
5. मंत्रों का जाप करते हुए मूर्तियों पर फूल, हल्दी, कुमकुम और अक्षत चढ़ाना.
6. महाराष्ट्र में चावल की खीर और विशेष नैवेद्य जैसे भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है.
7. दक्षिण दिशा में चार मुखी दीया रखकर भगवान यम को दिखाना.
8. परिवार के सदस्यों के बीच प्रसाद वितरित करना.
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