नई दिल्ली: आज कन्या संक्रांति है. कन्या संक्रांति के दिन विशेष तौर पर सूर्य देव की पूजा की जाती है. इस दिन पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण करना शुभ माना जाता है. इस दिन पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और उनके नाम से दान करना बहुत फलदायी माना गया है. कन्या संक्रांति के दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. धर्म ग्रंथों के अनुसार भगवान विश्वकर्मा इस ब्रह्मांड के रचयिता माने जाते हैं.


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कन्या राशि में प्रवेश करने का योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब भी सूर्य देव किसी राशि मे प्रवेश करते हैं तो उस से संबंधित राशि के अनुसार संक्रांति मनाई जाती है. 17 सितंबर को सूर्य देव का कन्या राशि में प्रवेश करने का योग बन रहा है ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन सूर्य देव सिंह राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे जिसके बाद पूरे एक महीने तक इसी राशि में विराजमान रहेंगे.


सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व
कन्या संक्रांति के दिन सूर्य को नियमानुसार अर्घ्य देने से नौकरी व व्यापार संबंधी समस्याएं दूर होती हैं साथ ही इस दिन सूर्य देवता की पूजा करने से जीवन में यश, कीर्ति, तेज और दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है. कन्या संक्रांति में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है.


कन्या संक्रांति के दिन पूर्वजों की आत्मा की संतुष्टि के लिए निमित्त तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध करना शुभ माना जाता है.


मां अंबे करेंगी कल्याण
व्हाट्सएप पर अनमोल जी ने अपनी एक परेशानी भेजी है जान लेते हैं. वो लिखते हैं कि वे काफी समय से शुगर की समस्या से जूझ रहे हैं, क्या करूं? इस पर आचार्य विक्रमादित्य कहते हैं कि देखिए अनमोल जी इसका उपाय प्रधानमंत्री मोदी ने पूरी दुनिया को दिखा दिया है. योग भगाए रोग, जी हां.. योग ही एक रास्ता है जिससे आप फिट हो सकते हैं.


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