नई दिल्लीः Pradosh Vrat Remedies: आज रविवार 10 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास का पहला पहला प्रदोष व्रत है. हिंदू धर्म में व्रत का काफी महत्व है. आज रविवार होने की वजह से इस प्रदोष को रवि प्रदोष कहा जा रहा है. शास्त्रों की मानें तो प्रत्येक माह के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. 


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भोलेनाथ की आराधना का है विशेष महत्व
इस दिन भोलेनाथ की आराधना का विशेष महत्व है. मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन शिवजी की सच्चे मन से आराधना करने से इंसान की हर एक मुराद पूरी होती है. अगर आप अपने जीवन में कई तरह की समस्याओं से परेशान रहते हैं, तो इस दिन पूजा करते समय आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. 


पंचांग की मानें, तो मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 10 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 13 मिनट पर हो रही है. वहीं, 11 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में यह व्रत 10 दिसंबर यानी आज रखा जाएगा. आज प्रदोष काल शाम 05 बजकर 25 मिनट से रात्रि 08 बजे तक रहेगा.


1. रवि प्रदोष के सुनहरे अवसर पर सुबह जल्दी उठकर स्नान ध्यान करें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. 


2. सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पास के किसी मंदिर में जाकर शिवलिंग पर दूध, गंगाजल इत्यादि अर्पित करें. इसके साथ ही भोलेनाथ को बेलपत्र, अक्षत, चंदन भी अर्पित करें. 


3. इसके बाद शाम के समय पूरी विधि-विधान से शिवजी की उपासना करें. इस दौरान शिव के स्त्रोत का पाठ भी करें. 


4. प्रदोष व्रत के शुभ मौके पर भोलेनाथ का पंचामृत से अभिषेक जरूर करें. पूजा के अंत में शिवजी का आरती करें और प्रसाद का वितरण करें. 


Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.


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