नई दिल्ली: सावन का पवित्र महीना चल रहा है. इस महीने सभी शिवभक्त भोलेनाथ की पूजा करते हैं. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त दूध से लेकर शहद अर्पित करते हैं. सावन के महीने में शिवलिंग पर दूध और जल अर्पित किया जाता है. क्या आप जानते हैं भगवान शिव को जल पसंद है या दूध. जाने-माने भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास जी से जानते हैं भगवान शिव को जल पसंद है या दूध. 


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भगवान शिव सबकुछ करते हैं स्वीकार 
भगवान शिव को भोले भी कहते हैं. माना जाता है कि भगवान शिव पर इंसान जो भी अर्पित करता है वह उसे स्वीकार कर लेते हैं. आप शिवलिंग पर जल अर्पित करें या दूध भगवान शिव इसे स्वीकार कर आपकी परेशानियों को कम करते हैं. 


जल अधिक पसंद है 
डॉ अनीष व्यास जी ने बताया है कि भगवान शिव को जल अधिक पसंद है. दरअसल भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान विष पिया था. कहा जाता है कि विष इतना शक्तिशाली है कि उसे स्पर्श मात्र से कोई भी भस्म हो सकता था. हलाहल विष को फेंका नहीं जा सकता था क्योंकि इसकी एक बूंद से पृथ्वी का विनाश हो सकता था. ब्रह्मदेव ने भगवान शिव से आह्वान किया. महादेव ने सारा हलाहल विष पी लिया. विष पीने से भगवान शिव के शरीर में जलन होने लगी. उस दौरान जल से भी भगवान शिव को सबसे ज्यादा ठंडक मिली थी. इस आधार पर भगवान शिव को दूध से ज्यादा जल प्रिय है. 


कच्चा दूध 
शिवलिंग पर कच्चा दूध ही अर्पित करना चाहिए. दूध अर्पित करने से शिवजी का मस्तिष्क शांत और ठंडा रहता है. शिवलिंग पर पहले कच्चा दूध अर्पित करना चाहिए. इसके बाद जल अर्पित किया जाता है. शिवलिंग पर कभी भी उबला हुआ ठंडा दूध अर्पित नहीं करना चाहिए. 


Disclaimer: यहां दी गई जानकारी एक्सपर्ट की सलाह पर आधारित है, Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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