नई दिल्ली: Falgun Mahina: फाल्गुन माह 25 फरवरी 2024 रविवार से शुरू होगा और 25 मार्च 2024 को समाप्त होगा. यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का अंतिम महीना होता है. फाल्गुन माह धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं और भगवान शिव और भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की जाती है. यदि आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाना चाहते हैं, तो इस महीने में व्रत, पूजा और दान अवश्य करें. आइए जानते हैं, क्यों पड़ा फाल्गुन का नाम और महत्व के बारे में: 


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क्यों पड़ा फाल्गुन का नाम 
हिंदू कैलेंडर के सभी नामों का नाम नक्षत्रों के नाम पर रखे गए हैं. किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि के बाद चंद्रमा जिस नक्षत्र में जाता है, तो उस महीने का नाम उसी आधार पर रखा जाता है. ऐसे ही जब चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो फाल्गुन माह शुरू हो जाता है.


फाल्गुन में 6 सावे  
फाल्गुन माह में शादी के लिए 6 सावे हैं. 2 व 3 मार्च को आठ रेखीय, 4 व 5 मार्च को सात रेखीय, 6 मार्च को भी आठ रेखीय और 12 मार्च को फुलेरा दोज पर अबूझ सावा रहेगा. फुलेरा दोज के दिन सामूहिक विवाह सम्मेलनों की धूम रहेगी.


14 मार्च से मलमास 
14 मार्च से मलमास लग जाएंगे, जो 13 अप्रैल तक रहेंगे. 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में आ जाएगा. इस कारण खर मास शुरू होगा जो 15 अप्रैल तक रहेगा. ज्योतिष के मुताबिक इस एक महीने में शुभ काम की मनाही होती है, इसलिए इन दिनों मुहूर्त नहीं होते हैं. इसके बाद अगला मुहूर्त 18 अप्रैल को रहेगा. वहीं शुभ कार्य 14 अप्रैल से 26 के बीच संपन्न होंगे. इसके बाद शुक्र तारा अस्त हो जाएगा. ऐसे में 27 अप्रैल से 10 जुलाई तक शुभ कार्य बंद रहेंगे.


होलाष्टक 
होलाष्टक का आरंभ 17 मार्च से हो जाएगा. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं और न ही कोई नई वस्तु खरीदी जाती है. होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं. यानी कि होलाष्टक 17 मार्च से लग जाएंगे. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाते हैं और इन 8 दिनों में शुभ कार्य शादी, विवाह मुंडन आदि पर रोक लग जाती है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है और उसके अगले दिन फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पहली तिथि को रंगों की होली खेली जाती है. होली इस साल 24 मार्च की रात को जलाई जाएगा और 25 मार्च की सुबह रंग खेले जाएंगे. होलाष्टक को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव में होते हैं, इसलिए इस वक्त कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. उसमें बाधा आने की आशंका होती है.


फाल्गुन के व्रत और त्योहार 
25 फरवरी (रविवार) – फाल्गुन माह शुरू
28 फरवरी (बुधवार) – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
1 मार्च (शुक्रवार) – यशोदा जयंती
3 मार्च (रविवार)- शबरी जयंती, भानु सप्तमी
4 मार्च (सोमवार) – जानकी जयंती
6 मार्च (बुधवार) – विजया एकादशी
8 मार्च (शुक्रवार) – महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, पंचक शुरू
10 मार्च (रविवार) – फाल्गुन अमावस्या
12 मार्च (मंगलवार) -फुलेरा दूज, रामकृष्ण जयंती
13 मार्च (बुधवार) – विनायक चतुर्थी
14 मार्च (गुरुवार) – मीन संक्रांति
20 मार्च (बुधवार) – आमलकी एकादशी
22 मार्च (शुक्रवार) – प्रदोष व्रत
24 मार्च (रविवार) – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
25 मार्च (सोमवार)- होली, चैतन्य महाप्रभू जयंती, चंद्र ग्रहण



(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)