Ganesh Chaturthi 2024 Vrat: गणेश जी को खुश करना है तो इन नियमों का जरूर पालन करें, ये है व्रत रखने की विधि
Ganesh Chaturthi 2024 Vrat Vidhi: गणेश चतुर्थी पर व्रत संबंधी जानकारी और खाने के नियम देखें, जिसमें 10 दिवसीय उत्सव के दौरान उपवास के प्रकार, भोजन की तैयारी और अनुष्ठान शामिल हैं.
Ganesh Chaturthi 2024 Vrat Date and Vidhi: गणेश चतुर्थी शनिवार, 7 सितंबर को है. इस दिन विनायक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. यह महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहार भगवान गणेश को समर्पित है, जो बाधाओं को दूर करने वाले और ज्ञान और समृद्धि के देवता हैं. यह उनके जन्म का प्रतीक है और पूरे भारत में भक्ति के साथ मनाया जाता है.
Ganesh Chaturthi 2024: डेट और पूजा की टाइमिंग
तिथि: शनिवार, 7 सितंबर
मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त: सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक
पूजा अवधि: 2 घंटे 31 मिनट
गणेश विसर्जन: मंगलवार, 17 सितंबर
मध्याह्न काल, सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:34 बजे के बीच, गणेश पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय माना जाता है. भक्तों को भगवान गणेश का आशीर्वाद पाने के लिए इस समय के दौरान अनुष्ठान करने की सलाह दी जाती है.
Fasting Rules for Ganesh Chaturthi 2024: व्रत रखने के प्रकार
-निर्जल (जल रहित) उपवास: इस कठोर उपवास में पूरे दिन भोजन और पानी दोनों से परहेज करना शामिल है.
-फलाहार (फल) उपवास: इस प्रकार में, फल, मेवे और दूध और दही जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन किया जा सकता है.
-सात्विक उपवास: इसमें साबूदाना से बनी चीजें, फल, सब्जियां और मेवे जैसे शाकाहारी खाद्य पदार्थ खा सकते हैं.
गणेश चतुर्थी के दौरान व्रत रखना भक्तों के लिए एक आम बात है और व्रत रखने के कई तरीके हैं, जो व्यक्ति की आस्था और शारीरिक क्षमता पर निर्भर करता है. यहां कुछ अहम बातें बताई गई हैं:
1. उपवास की अवधि: अपने हिसाब से व स्वास्थ्य के आधार पर अपने उपवास की अवधि तय करें. आप पूरे दिन उपवास कर सकते हैं या इसे कुछ घंटों या भोजन तक सीमित कर सकते हैं.
2. शुद्धता बनाए रखें: उपवास के दौरान शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की शुद्धता बनाए रखनी चाहिए. नकारात्मक विचारों और गपशप से दूर रहें. प्रार्थना और मंत्र जाप जैसी आध्यात्मिक प्रथाओं में शामिल हों.
3. मांसाहारी भोजन: गणेश चतुर्थी के उपवास के दौरान मांसाहारी भोजन सख्त वर्जित है.
4. प्याज और लहसुन से बचें: कई भक्त उपवास के दौरान अपने भोजन में प्याज और लहसुन से परहेज करते हैं, क्योंकि इन्हें तामसिक खाद्य पदार्थ माना जाता है जो आध्यात्मिक विकास में बाधा डालते हैं.
5. सादा भोजन: उपवास के भोजन को कम से कम मसालों और तेल के साथ तैयार किया जाना चाहिए. भोजन हल्का और पचने में आसान होना चाहिए.
6. नमक का उपयोग: उपवास के दौरान आम तौर पर साधारण नमक से परहेज किया जाता है. इसके बजाय सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है, क्योंकि इसे उपवास के उद्देश्यों के लिए शुद्ध माना जाता है.
7. हाइड्रेशन: अगर आप निर्जल उपवास कर रहे हैं, तो उपवास की अवधि से पहले और बाद में खूब पानी पीकर खुद को हाइड्रेट करें.
गणेश चतुर्थी के दौरान भोजन के नियम
भगवान गणेश को घर पर लाने के बाद (गणपति स्थापना), भक्तों को कुछ खास भोजन नियमों का पालन करना चाहिए:
-भगवान गणेश को पहला भोजन अर्पित करें: भोजन तैयार करके सबसे पहले भगवान गणेश को अर्पित करना चाहिए और यह सात्विक होना चाहिए, जिसे भक्ति और सम्मान के साथ तैयार किया गया हो.
-शराब से बचें: त्योहार के 10 दिनों के दौरान मांसाहारी भोजन, अंडे, शराब, तंबाकू और अन्य नशीले पदार्थों से पूरी तरह से बचना चाहिए.
-मोदक और लड्डू चढ़ाएं: मोदक और लड्डू भगवान गणेश की पसंदीदा मिठाई मानी जाती है, और भक्त त्योहार के दौरान विभिन्न प्रकार के लड्डू चढ़ाते हैं.
-स्वादिष्ट भोजन: व्रत रखने वालों को हर सुबह भगवान गणेश की पूजा और आरती करने से पहले नमकीन भोजन खाने से बचना चाहिए.
-भोग और आरती: भगवान गणेश का आशीर्वाद और समृद्धि पाने के लिए त्योहार के दौरान दिन में दो बार भोग और आरती अर्पित की जानी चाहिए.
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