Guru Pushya Yoga: आज है दुर्लभ गुरु पुष्य योग, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, नियम और महत्व
Guru Pushya Yoga 2022: पुष्य योग गुरुवार के दिन बनने के कारण इसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. 25 अगस्त 2022 को दुर्लभ गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति पुष्य नक्षत्र के स्वामी माने गए हैं. पुष्य नक्षत्र को शुभफलकारी माना जाता है. यह नक्षत्र शुभ संयोग निर्मित करता है .
नई दिल्लीः Guru Pushya Yoga 2022 पुष्य योग गुरुवार के दिन बनने के कारण इसे गुरु पुष्य योग कहा जाता है. 25 अगस्त 2022 को दुर्लभ गुरु पुष्य योग का संयोग बन रहा है. ज्योतिष शास्त्र में देवगुरु बृहस्पति पुष्य नक्षत्र के स्वामी माने गए हैं. पुष्य नक्षत्र को शुभफलकारी माना जाता है. यह नक्षत्र शुभ संयोग निर्मित करता है और इस दिन विशेष उपाय व मंत्र जाप करने से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता व अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं.
गुरु पुष्य योग में जन्मे जातक होते हैं बलवान, धनी
नारदपुराण के अनुसार, गुरु पुष्य योग में जन्मे जातक महान कर्म करने वाला, बलवान, कृपालु, धार्मिक, धनी, कई कलाओं का ज्ञाता, दयालु और सत्यवादी होता है. इस नक्षत्र में कई शुभ कार्यों को करना लाभकारी होता है. हालांकि, मां पार्वती विवाह के समय शिव से मिले श्राप के कारण पाणिग्रहण संस्कार के लिए इस नक्षत्र को वर्जित माना गया है.
भगवान विष्णु की पूजा का है खास दिन
आज का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए बेहद खास होता है. गुरु पुष्य योग में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. इस योग में यदि कोई भक्त सच्चे मन से श्रीहरि को प्रसन्न करता है तो उसकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. विष्णु भगवान की पूजा से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. मनुष्य के जीवन में ऐसी कई समस्याएं हैं जैसे विवाह न होना, आर्थिक समस्या का होना और मानसिक शांति ऐसे में यदि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से जीवन की कई समस्याओं का समाधान होता है.
व्रत करने से बढ़ती है घर में सुख-समृद्धि
मान्यता है कि गुरु पुष्य योग में व्रत को आरंभ कर लगातार सात गुरुवार करने से घर की अशांति और दोषों से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि गुरुवार के व्रत से सभी सुखों की प्राप्ति होती है. घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है.
पूजा की विधि
गुरु पुष्य योग के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इस दिन सुबह स्नान आदि करके पूजा स्थल पर बैठें. इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा का गंगा जल से अभिषेक करें. उसके बाद पूजा की शुरुआत- ऊं नमो नारायणाय - मंत्र के जप के साथ करें. इस मंत्र को कम से कम 108 बार जपें. इसके जपने से घर में सुख-शांति आती है. अंत में आरती एवं चालीसा का पाठ करें. अब प्रसाद वितरण करें.
इन नियमों का पालन जरूर करें
गुरु पुष्य योग के दिन बाल, दाढ़ी, नाखून आदि नहीं कटवाने चाहिए.
कपड़े और बाल धोना, घर से कबाड़ बाहर निकालना और साबुन का उपयोग करना इस दिन वर्जित माना गया है.
व्रत में दिन में एक ही बार भोजन करें. इसमें दूध के बने पकवानों से व्रत का पारण करें.
गुरु पुष्य योग के दिन विष्णु जी की पूजा में दूध, दही और घी का इस्तेमाल जरूर करें.
आज का पंचांग
भाद्रपद - कृष्ण पक्ष- त्रयोदशी तिथि - गुरुवार
नक्षत्र - पुष्य नक्षत्र 16:15 तक
महत्वपूर्ण योग- वरीयान योग
चन्द्रमा का कर्क राशि पर संचरण
आज का शुभ मुहूर्त - सूर्य उदय से 16.15 बजे तक
राहु काल- 02.30 बजे से 03.32 बजे तक
त्योहार- मास शिवरात्रि, गुरु पुष्य योग
गुप्त मनोकामना की पूर्ति के लिए
आज गुरु पुष्य नक्षत्र के दिन घर के मंदिर में भगवान शिव को छोड़कर सभी देवी देवताओं को कुमकुम से तिलक करें. फिर घर से बाहर जाते समय जो देवताओं को तिलक करके के बाद कुमकुम बची हो, उसको उठाकर रख लें जब भी किसी विशेष कार्य के लिए जाए इस कुमकुम को अपने मस्तक पर तिलक लगाकर ही बाहर जाएं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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