कब है हरियाली तीज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
हरियाली तीज एक ऐसा त्योहार है जो मानसून के मौसम के शुरू होने और भगवान शिव और देवी पार्वती के बीच प्रेम का जश्न मनाता है. यह सावन के महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है. इस साल हरियाली तीज 19 अगस्त को पड़ रही है.
नई दिल्ली: हरियाली तीज एक हिंदू त्योहार है, जिसे उत्तरीय भारत के कई हिस्सों में महिलाएं मनाती हैं. यह सावन के महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरे दिन मनाया जाता है, जो इस साल 19 अगस्त को मनाया जाएगा. हरियाली तीज बनाने के पीछे का कारण एवं इस त्योहार की कुछ प्रचलित प्रथाएं हम आपको आज बतायेंगे.
1. त्योहार का महत्व
हरियाली तीज मानसून के मौसम के आगमन और उसके साथ आने वाली हरियाली की खुशी का उत्सव मनाने के लिए मनाया जाता है. यह भगवान शिव और देवी पार्वती के बीच प्रेम का उत्सव भी है, माना जाता है कि इस दिन वे लंबे समय के बाद फिर से मिले थे. इस व्रत को करने से विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.साथ ही पति की आयु लंबी होती है.
2. शुभ मुहूर्त
सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त को रात 08 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगा. फिर अगले दिन 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी.
3. पूजा विधि
इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं. वे हरे कपड़े पहनती हैं और खुद को गहनों और मेहंदी से सजाती हैं. वे पारंपरिक गीत गाती है, नृत्य करती हैं और मंदिर में जाकर शिव और देवी पार्वती की पूजा भी करती है. वही कुछ जगहों पर कुंवारी लड़कियां भी यह व्रत अच्छा पति मिलने के लिए रखती है.
-ब्रह्म बेला में उठें
-भगवान शिव और माता पार्वती को प्रणाम करें
-घर की साफ-सफाई करें
-गंगाजल छिड़ककर घर को शुद्ध करें
-गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें
-लाल रंग का वस्त्र धारण करें
-एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं
-इस पर मिट्टी से बनी भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें
-माता पार्वती को सोलह श्रृंगार भेंट करें
-फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत, दूर्वा, सिंदूर चढ़ाएं
-आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि और पति की लंबी आयु हेतु कामना करें
-निर्जला उपवास करें
-संध्याकाल में आरती अर्चना करें
-अगले दिन पूजा-पाठ संपन्न कर व्रत खोलें
4. भोजन और व्यंजन
इस दिन महिलाएं विशेष भोजन और मिठाइयां बनाती हैं, जिनमें घेवर, खीर और मालपुआ जैसी चीजें शामिल होती हैं. इन व्यंजनों को भगवान को चढ़ाया जाता है और फिर परिवार और दोस्तों के बीच बांटा जाता है.
5. झूले का महत्व
झूले हरियाली तीज उत्सव का एक सबसे प्रमुख अंग हैं. महिलाएं और लड़कियाँ झूले को फूलों और पत्तियों से सजाती हैं और बारी-बारी से उन पर झूलती हैं.
6. त्योहार की परंपराएं
हरियाली तीज भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरीके से मनाई जाती है. राजस्थान में महिलाएं पारंपरिक पोशाक और आभूषण पहनती हैं और लोक नृत्य करती हैं. बिहार में महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोलती हैं. उत्तर प्रदेश में महिलाएं 'घेवर' नामक एक विशेष व्यंजन तैयार करती हैं, और इसे भगवान को चढ़ाती हैं.
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