नई दिल्ली: Hindu Nav Varsh 2024: हर साल हिंदू नव वर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. 9 अप्रैल को हिंदू नववर्ष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शश राजयोग में होगी. इसके अलावा साल के पहले दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे. शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा. 


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वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक 9 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 7:32 मिनट से आरंभ होगा. नया हिंदू वर्ष के राजा मंगल और मंत्री शनिदेव के होने का प्रभाव सभी 12 राशियों के लोगों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशि के लोगों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा जिससे उनके जीवन में सुख-शांति और अच्छे परिणाम की प्राप्ति होगी.


राजा मंगल और मंत्री शनि
इस कालयुक्त संवत के राजा-मंगल, मन्त्री-शनि, सस्येश-मंगल, दुर्गेश- शुक्र, धनेश- चन्द्र, रसेश- गुरु, धान्येश-शनि, नीरसेश- मंगल, फलेश-शुक्र, मेघेश-शुक्र होंगे.


भैरव प्रश्न 
भैरव माता से कहे, मेरा यही सवाल. इक्यासी संवत् तों कह दे मैया हाल.


भवानी उत्तर 
इक्यासी की साल में मैं समझावु तोय. अन होणी होवे नहीं होणी हो सो होय.
राजा कुज मंत्री शनि इनकी खोटी चाल. युद्ध उपद्रव जगत् में मांचे घणा बवाल. 
दिवानाथ धान्येश है, सवंत् विश्वा आठ. कहीं धान्य का नाश हो कहीं के होसी ठाठ. 
सागर तट रोहिणी बसी स्तंभ लगे है तीन. अन्न जल की कमती नहीं इसमें मेष न मीन.


कालयुक्त सम्वत्सर का फल 
रोगवृद्धिः प्रजायेत् कालयुक्ते विशेषतः राजयुद्धं भवेद् घोरं वृष्टिर्घोरा वरानने.


यानी क्लिष्ट रोगों में विशेष वृद्धि के कारण प्रजा में कष्ट से हानि होगी. विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों में क्षुब्धता, वैमनस्य व बिखराव के कारण युद्ध जैसे हालात बनेंगे. भयंकर वर्षा होने से खड़ी फसलों को हानि व बाढ़ से कृषक त्रस्त होंगे. 'कालयुक्त' संवत्सर होने से प्रजा में रोग-शोक फैलता है, परन्तु वर्षा पर्याप्त होने तथा धान्यादि के उत्पादन में वृद्धि होने से साधारण जनता सुखी च आनन्द से रहेगी. राजाओं में परस्पर युद्ध से प्रजा का विनाश भी होगा. कहीं धन-धान्य की वृद्धि तथा वृक्षों पर पुष्प-फल लगेंगे.


राजा मंगल का फल
वर्ष का राजा मंगल है, अतः वायुवेग अर्थात् आंधी - तूफान का प्रकोप बना रहेगा. वायुयान दुर्घटना, अग्निकाण्ड, भूकम्प आदि प्राकृतिक उत्पातों में वृद्धि होगी. आतंकी-धाार्मिक उन्माद की घटनाएं बढ़ेगी, तस्करी, ठगी, लूटपाट तथा विभिन्न क्लिष्ट रोगों में वृद्धि से जनता त्रस्त होगी. तीव्र वायुवेग एवं बादल होने पर भी वर्षा की न्यूनता बनी रहेगी. तूफान, चक्रवात, आंधी, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से कृषि उत्पादन में कमी तथा पशुधन की भी हानि होगी. आरोप-प्रत्यारोप एवं राजनैतिक वातावरण के कारण शासक कर्तव्य से भ्रमित होंगे. प्रजा में पित्त, रक्त एवं विषाणु जनित रोगों की बहुलता रहेगी. बाल अपचारियों के अपराध बढ़ेंगे. अपमृत्यु तथा प्रियजन से विछोह से कष्ट होगा.


अग्नि-तस्कर-रोगाढ्यो नृपो-विग्रहः कारकः
गतसस्यो बहुव्यालो भीमाब्दो बालहाभृशम्.
अथवा 
भौमे नृपे वह्निभयं जनक्षयं चौराकुलं पार्थिव-विग्रहश्च.
दुःखं प्रजा-व्याधि-वियोगपीड़ा स्वल्पं पयो मुञ्चति वारिवाहः


मंत्री शनि का फल 
मंत्री शनि है, अतः राजनेताओं व राष्ट्राध्यक्षों का व्यवहार सामान्य प्रजा के प्रति कठोर होगा, उनकी नीतियों से जनता त्रस्त होकर जनता रोष प्रकट करेगी. देश के कुछ भागों में वर्षा की कमी रहने से खाद्यान्नों में कमी और प्राकृतिक प्रकोप का भय व्याप्त रहेगा. आमजन के पास धन-सम्पदा एवं भौतिक संसाधनों की कमी से उनमें असंतोष का भाव व्याप्त होगा. लोहा, स्टील, तांबा, जस्ता, सिक्का, तेल आदि खाद्यान्न पदार्थ, पेट्रोल-डीजल आदि के भाव तेज होंगे.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)