घर में होने वाली ये घटनाएं चीख-चीखकर बताती हैं कि अब भी भटक रही आपके मृत पूर्वजों की आत्मा, तुरंत करें ये उपाय
सनातन धर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है. श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण किया जाता है. साल में एक बार पितरों के लिए समर्पित पितृपक्ष भी आता है. वहीं माना तो यहां तक जाता है कि साल में 12 अमावस्या, 12 संक्रांति, 26 दिन के पितृ पक्ष समेत 96 दिन पितरों के लिए होते हैं. इनमें भी उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जा सकती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन कई बार पितृ दोष लगा होता है और इसकी वजह से कई सारी घटनाएं होती हैं लेकिन हम समझ नहीं पाते हैं. घर में होने वाली ये घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि पूर्वज नाराज हैं.
नई दिल्लीः सनातन धर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा की जाती है. श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण किया जाता है. साल में एक बार पितरों के लिए समर्पित पितृपक्ष भी आता है. वहीं माना तो यहां तक जाता है कि साल में 12 अमावस्या, 12 संक्रांति, 26 दिन के पितृ पक्ष समेत 96 दिन पितरों के लिए होते हैं. इनमें भी उनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा की जा सकती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन कई बार पितृ दोष लगा होता है और इसकी वजह से कई सारी घटनाएं होती हैं लेकिन हम समझ नहीं पाते हैं. घर में होने वाली ये घटनाएं इस बात का संकेत देती हैं कि पूर्वज नाराज हैं.
अगर किसी के घर में बार-बार पीपल का पेड़ उग रहा है तो यह शुभ नहीं है. ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि घर में पितृ दोष की वजह से बार-बार पीपल उग आता है. इसका एक मतलब यह भी है कि पूर्वज आपसे नाराज हैं. अगर आपने समय पर उपाय नहीं किए तो आपको बड़ी परेशानी हो सकती है.
ऐसे में ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि सोमवार के दिन पीपल को जड़ से उखाड़कर नदी में बहा देना चाहिए. अमावस्या के दिन गरीबों को मीठी चीजें दान करने और अपनी क्षमता के अनुसार सफेद वस्त्र दान करने से पितरों की नाराजगी कम होती है.
ये भी हैं घर में पितृ दोष होने के संकेत
1. घर के सदस्यों का बार-बार बीमार पड़ना
2. कई बार बनते-बनते कामों का बिगड़ जाना
3. व्यापार से लेकर नौकरी तक अक्सर हानि होना
4. संतान सुख की प्राप्ति नहीं होना
5. संतान के पैदा होते ही मौत हो जाना
6. घर में लगातार कलह क्लेश रहना
7. आए दिन परिवार में किसी न किसी के दुर्घटना का शिकार होना
8. विवाह, शुभ और मांगलिक कार्यों में अड़चन आना
पितृ दोष कैसे दूर करें
पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका तर्पण, श्राद्ध या दान करना चाहिए. ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. साल की हर एकादशी, चतुर्दशी और अमावस्या पर पितरों को जल अर्पित करना चाहिए. साथ ही त्रिपंडी श्राद्ध करना चाहिए. पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. पितृ पक्ष में घर की दक्षिण दिशा में तेल का दीपक जलाना चाहिए. घर में दक्षिण दिशा में पितरों की तस्वीर लगाकर रोजाना उन्हें प्रणाम करना चाहिए और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगनी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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