नई दिल्ली: Kalashtami Vrat 2024: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का कालाष्टमी व्रत रखा जाता है. इस दिन काल भैरव की पूजा करते हैं और साल में एक बार कालभैरव जयंती मनाई जाती है. काल भैरव की पूजा करने से हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है.  कालभैरव का पूजा अर्चना करने से अकाल मृत्यु का भय भी खत्म हो जाता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं, शुभ मुहूर्त पूजा विधि, और महत्व के बारें में:


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कालाष्टमी व्रत 2024 तिथि और शुभ मुहूर्त 
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 1 अप्रैल की रात 9 बजकर 10 मिनट से शुरू हो गया है.  इस तिथि का समापन आज यानी 2 अप्रैल की रात 8 बजकर 8 मिनट पर होगा.


कालाष्टमी का पूजा विधि
कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करना चाहिए और फिर मंदिर की साफ सफाई कर लाल रंग के कपड़े पर भगवान काल भैरव की प्रतिमा को स्थापित करें. उसके बाद धूप, दीप, पान, फूल, मिठाई आदि अर्पण करें. काल भैरव को सरसों का तेल चढ़ाना भी बहुत शुभ माना जाता है. विशेष चीजों का भोग लगाएं. इसके बाद फलाहार करें. रात्रि में कीर्तन और भजन करें. अगले दिन नित्य दिनों की तरह पूजा पाठ के बाद व्रत खोलें. काल भैरव भगवान को प्रसन्न करने के लिए आज के दिन काले कुत्ते को भोजन जरूर खिलाएं. 


कालाष्टमी का महत्व
कालाष्टमी व्रत के दिन भगवान काल भैरव की विधिवत उपासना करने से रोग दोष और भय से मुक्ति मिल जाती है. साथ ही आज के दिन भगवान काल भैरव को समर्पित स्तुति का पाठ करने से भी विशेष लाभ प्राप्त होता है. ऐसा मान्यता है कि इस दिन पूजा-व्रत करने से इंसान के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और सुख-शांति मिलती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.)


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