नई दिल्ली. हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-पाठ का अत्यंत महत्व होता है. पूजा-अर्चना के दौरान भगवान को भक्तों द्वारा तिलक लगाने का विधान है. साथ ही आरती होने के बाद भक्तों के माथे पर भी तिलक लगाया जाता है. मान्यता है कि तिलक के लगाने और लगवाने से यश में वृद्धि, संतान सुख, ज्ञान में वृद्धि और मनोबल बढ़ता है. साथ ही तिलक लगाने से मां सरस्वती और मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. बिना तिलक के कोई भी पूजा या अनुष्ठान अधूरा माना जाता है.


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तिलक लगाने का महत्व
मान्यताओं के अनुसार माथे पर तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है. तिलक लगाने से भाग्य खुलता है. मानसिक एकाग्रता को बढ़ाने के लिए कुमकुम-अक्षत के अलावा चंदन का प्रयोग तिलक लगाने में किया जाता है. चंदन दो प्रकार के होते हैं. पहला लाल चंदन और दूसरा सफेद चंदन. दोनों का ही प्रयोग तिलक लगाने में किया जाता है.


कनिष्ठा उंगली का महत्व
शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि कनिष्ठा यानी सबसे छोटी उंगली का प्रयोग तिलक लगाने में नहीं किया जाता है.


अनामिका उंगली का महत्व
रिंग फिंगर जिसे हिंदी में अनामिका उंगली कहा जाता है यह हाथ की तीसरी उंगली होती है जो मध्यमा के बाद और निष्ठा के पहले आती है. इस उंगली से तिलक लगाना मानसिक शक्ति को प्रबल बनाता है, क्योंकि इस उंगली का संबंध सीधा सूर्य से होता है. इसलिए इस उंगली से तिलक लगाने से आज्ञा चक्र जागृत होता है. इंसान को अपना मान सम्मान बढ़ाने के लिए अनामिका उंगली से तिलक लगाना चाहिए. शास्त्रों में उल्लेख है कि अनामिका उंगली से चंदन लगाना अति शुभ फलदायी होता है.


अंगूठे से तिलक लगाना
मान्यता के अनुसार अंगूठे का संबंध शुक्र ग्रह से होता है, और शुक्र ग्रह यश, धन-वैभव का कारक ग्रह माना जाता है. कहा जाता है कि अंगूठे से तिलक लगाने से धन-संपत्ति में बढ़ोत्तरी होती है और स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. यह भी मान्यता है कि अगर किसी रोगी को नियमित रूप से अंगूठे से चंदन का तिलक लगाया जाए तो उसके स्वास्थ्य में दिनों दिन लाभ होने लगता है. आपने अक्सर गौर किया होगा कि विजय पर्व दशहरा और रक्षा बंधन पर बहनें अपने भाई की विजय की कामना करते हुए उन्हें अंगूठे से ही तिलक लगाती हैं.


तर्जनी अंगुली से तिलक लगाना
इंडेक्स फिंगर यानी तर्जनी उंगली यह अंगूठे और मध्यमा उंगली के बीच की उंगली होती है. कहा जाता है कि इस उंगली का प्रयोग केवल मृत व्यक्ति को तिलक लगाने के लिए किया जाता है. ताकि मृतक की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ती हो. कहा जाता है कि तर्जनी उंगली का प्रयोग करना असमय मृत्यु की तरफ ले जाता है. इसलिए आगे से जब भी किसी को तिलक लगाना हो तो सही उंगली का प्रयोग करना बेहद जरूरी है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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