नई दिल्ली: Lunar Eclipse 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन गजकेसरी योग, बुधादित्य योग, शश योग सौभाग्य योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग भी रहने वाला है. ग्र‍हण के वक्‍त कई शुभ योग बन रहे हैं, इनके प्रभाव से ग्रहण का अशुभ प्रभाव कम हो जाएगा. यह साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है. इसके बाद अगला चंद्र ग्रहण साल 2024 में ही लगेगा. चंद्र ग्रहण के दिन इच्छित फल पाने के लिए लोग व्रत भी रखते हैं. यह व्रत काफी प्रभावी माना जाता है, कहा जाता है कि जो भी इस व्रत को विधिवत तरीके से करता है, उसका बेड़ा पार हो जाता है. 


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पूर्णिमा शुरू होने का समय
भारत में भी यह चंद्रग्रहण दिखाई देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य होगा. सूतक काल चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले लगता है. 28 अक्टूबर के दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 4:18 मिनट से आरंभ हो रही है. यह तिथि 29 तारीख को 1:54 मिनट पर समाप्त हो जाएगी. शरद पूर्णिमा का व्रत 28 अक्टूबर को रखा जाएगा. 


चंद्रग्रहण का समय
ग्रहण का स्पर्श रात- 1:05 बजे
ग्रहण का मध्य रात्रि 1:44 बजे
ग्रहण का मोक्ष रात्रि 2:24 बजे
ग्रहण का सूतक दोपहर 4:05 बजे


शरद पूर्णिमा की व्रत विधि 
पूर्णिमा वाले दिन सुबह इष्ट देव की पूजा करें. इन्द्र और महालक्ष्मी का पूजन कर घी के दीपक जलाकर गन्ध पुष्प आदि से पूजा करें. ब्राह्मणों को खीर का भोजन कराएं, दक्षिणा दें. यदि आप जागरण करते हैं तो धन-संपत्ति में वृद्धि होती है. इस दिन मंदिर में खीर दान की जाती है. 


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)


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