नई दिल्ली: Magh Purnima 2024: हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का खास महत्व है. हर माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना और व्रत किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से साधक को सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. माघ महीने की पूर्णिमा शनिवार 24 फरवरी को है. धर्म ग्रंथों में इस दिन को स्नान-दान का महापर्व कहा गया है. साथ ही पूरे साल के पूर्णिमा स्नान में माघ पूर्णिमा स्नान को सबसे उत्तम भी कहा गया है ब्रह्मवैवर्त पुराण के मुताबिक माघ महीने की पूर्णिमा पर तीर्थ के जल में भगवान विष्णु का निवास होता है. साथ ही इस दिन तिल दान करने से कई यज्ञ करने जितना पुण्य फल मिलता है.


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माघ महीने की पूर्णिमा के दिन क्या करें
माघ महीने की पूर्णिमा पर भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. इस दिन जो भी श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं. उसके बाद जप और दान करते हैं उन्हें सांसारिक बंधनों से मुक्ति मिलती है. बुधवार को श्रद्धालु सूर्योदय के साथ ही तीर्थ स्थानों पर नदियों में स्नान करेंगे. माघ पूर्णिमा पर चंद्रमा और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा का विधान है. इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. साथ ही माघ पूर्णिमा पर रात में चंद्रोदय के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है. 


माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी 2024 को दोपहर 3:36 मिनट से शुरु होगी. अगले दिन 24 फरवरी को शाम 6:03 मिनट तक रहेगी. उदया तिथि को देखते हुए माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है. इसलिए 24 को सुबह गंगा स्नान कर के पुण्य प्राप्त किया जा सकता है. जो गंगा तीर्थ नहीं जा सकते वो घर पर ही पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर नहा सकते हैं. इस पर्व पर स्नान के बाद ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए.  


माघ पूर्णिमा का धार्मिक महत्व
माघ महीने या माघ पूर्णिमा के दिन गंगा, यमुना, सरस्वती के संगम में स्नान करने से दस तीर्थों के साथ सहस्त्र कोटि तप का पुण्य प्राप्त होता है. इस दिन गंगा आदि सहित अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पाप और संताप का नाश होता है. मन और आत्मा की शुद्ध होती है. इस दिन किया गया महास्नान समस्त रोगों का नाश करके दैहिक, दैविक और भौतिक कष्टों से मुक्ति दिलाता है. स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर और साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है. इस दिन पितरों को तर्पण करना बहुत ही फलदायी माना गया है. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और आयु एवं आरोग्य में वृद्धि होती है.


माघ महीने स्नान का फल
माघ महीने में तीर्थ स्नान करने का पुण्य फल मिलता है. साथ ही भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की कृपा भी बनी रहती है.


माघ स्नान का महत्व
माघ पूर्णिमा स्नान को सिर्फ शास्त्रों में ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों ने भी माना है. माघ के महीने में ऋतु परिवर्तन होता है इसलिए नदी के जल में स्नान और सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने से रोगों से मुक्ति मिलती है. दूसरा कारण, चंद्रमा का सम्बन्ध मन से होने के कारण भी यह व्रत मन की पवित्रता और चित्त की शांति के लिए किया जाता है. इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आध्यात्मिकता का विकास  होता है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)