नई दिल्ली: सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में महाशिवरात्रि शामिल है. हिंदू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पावन पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. भगवान भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से महाशिवरात्रि के दिन पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन महादेव का व्रत रखने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है.


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जानिए क्यों करते हैं शिवलिंग की पूजा


महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के लिंग स्वरूप का पूजन किया जाता है. यह भगवान शिव का प्रतीक है. शिव का अर्थ है - कल्याणकारी और लिंग का अर्थ है सृजन. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार भगवान शिव ने ही धरती पर सबसे पहले जीवन के प्रचार-प्रसार का प्रयास किया था, इसीलिए भगवान शिव को आदिदेव भी कहा जाता है.


महाशिवरात्रि पर ऐसे करें भगवान शिव की पूजा


हिंदू धर्म में मिट्टी, तांबा, पीतल के बर्तन सबसे अधिक शुभ माने जाते हैं, इसलिए महाशिवरात्रि के दिन मिट्टी या तांबे के लोटे में पानी भरकर ऊपर से बेलपत्र, आक-धतूरे के फूल, चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए.


इस दिन शिवपुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप भी करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन रात्रि जागरण का भी विधान है. ऐसा करने से भक्तों पर भगवान शिव की विशेष कृपा होती है.


शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि की पूजा निशील काल (गोधूलि बेला) में करना उत्तम माना गया है. हालांकि भक्त अपनी सुविधा के अनुसार भी भगवान शिव की पूजा कर सकते हैं. शिव को प्रसन्न करने के लिए परिशुद्ध मन और भक्ति ही पर्याप्त है.


शास्त्रों के मुताबिक शिवलिंग पर सबसे पहले पंचामृत अर्पित करना चाहिए. दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल के मिश्रण को पंचामृत करते हैं.
महाशिवरात्रि पर जो लोग चार प्रहर की पूजा करते हैं, उन्हें पहले प्रहर में जल, दूसरे प्रहर में दही, तीसरे प्रहर में घी और चौथे प्रहर में शहद से अभिषेक करना चाहिए. 
फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक मानी जाती है.


इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर जल से भरे कलश की स्थापना करें. इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें.


फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें.  और अंत में आरती करें. 


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