नई दिल्ली. Margashirsha Month 2022 मार्गशीर्ष माह में सनातन संस्कृति के दो प्रमुख विवाह संपन्न हुए थे. शिव विवाह तथा राम विवाह। मार्गशीर्ष शुक्ल पंचमी को राम विवाह तो सर्वविदित है ही साथ ही शिवपुराण, रुद्रसंहिता, पार्वतीखण्ड के अनुसार सप्तर्षियों के समझाने से हिमवान ने शिव के साथ अपनी पुत्री का विवाह मार्गशीर्ष माह में निश्चित किया था.


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इस महीने पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस माह की महत्ता का विषय में कहा गया है कि मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही सतयुग का आरंभ हुआ और इसी माह समय पर महर्षि कश्यप जी ने कश्मीर प्रदेश की रचना की थी. मार्गशीर्ष के महीने में जीरे का सेवन वर्जित माना जाता है. इस महीने तामसिक भोजन या मांसाहार भोजन से दूर रहें.


मार्गशीर्ष माह में किए जाने वाले उपाय
- अगहन माह के समय भगवान विष्णु के चतुर्भुज रुप का पूजन करना उत्तम होता है.
- मार्गशीर्ष माह में भागवत पढ़ने से सभी सुखों की प्राप्ति होती है.
- इस माह में नदी में स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व है.
- इस माह के समय पर यमुना नदी में स्नान करने से विष्णु लोक की प्राप्ति होती है.
- इस माह तुलसी के पत्तों को जल में मिला कर स्नान करना चाहिए.
- इस माह प्रातः काल समय ॐ नमो नारायणाय और गायत्री मंत्र का जप करना चाहिए.
- इस माह में भोजन में जीरे का उपयोग नहीं करना चाहिए.
- धर्म-शास्त्रों के अनुसार मार्गशीर्ष मास में रोज श्रीमद्भागवत कथा का पाठ करना चाहिए.
- जातकों को ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करना बहुत फलदायी होता है.
- जब भी संभव हो अगहन मास में, पवित्र नदियों में स्नान करने से सारे पाप नष्ट होते हैं.
- इस महीने में गरीबों को भोजन कराएं। यदि हो सके तो चांदी से बनी वस्तु दान करें.


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