Margashirsha Month 2022: मार्गशीर्ष मास की इन तिथियों में न करें शुभ कार्य, माना जाता है बेहद अशुभ

Margashirsha Month 2022: इस माह का संबंध मृगशिरा नक्षत्र से होने के कारण इसे मार्गशीर्ष नाम मिला.. साथ ही साथ इस माह की पूर्णिमा मृगशिरा नक्षत्र में होती है. अत ऎसे में इन सभी का संयोग ही इस माह को मार्गशीर्ष माह का नाम देता है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 19, 2022, 10:47 AM IST
  • मार्गशीर्ष माह में जन्म लेने वाला व्यक्ति
  • इन तिथियों पर न करें कोई भी शुभ काम
Margashirsha Month 2022: मार्गशीर्ष मास की इन तिथियों में न करें शुभ कार्य, माना जाता है बेहद अशुभ

नई दिल्ली. मार्गशीर्ष का महीना बीते 9 नवंबर 2022 से आरंभ हो चुका है. यह महीना 8 दिसम्बर तक रहेगा. मार्गशीर्ष मास को अगहन का महीना भी कहते हैं. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि इन बारह मास में मार्गशीर्ष मास मैं ही हूं. इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करना जीवन में खूब सुख-समृद्धि दिलाता है. इसके अलावा जीवन के सारे संकट और पाप नष्ट होते हैं.

चन्द्र माहों की श्रेणी में मार्गशीर्ष माह नवें स्थान पर आता है.  इस माह में भगवान विष्णु एवं उनके शंख की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. इस माह के दौरान पूजा-पाठ और स्नान-दान का भी उल्लेख मिलता है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा और संक्रांति के दौरान किया गया दान व्यक्ति को जीवन में सुख प्रदान करने वाला होता है. व्यक्ति के पुण्य कर्मों में वृद्धि होती है और पापों का नाश होता है.

मार्गशीर्ष माह में जन्म लेने वाला व्यक्ति
मार्गशीर्ष माह में जिस व्यक्ति का जन्म हो, उस व्यक्ति की वाणी मधुर होती है. वह धनी होता है और उसकी धर्म-कर्म में आस्था होती है. ऐसा व्यक्ति अनेक मित्रों से युक्त होता है. साथ ही पराक्रम भाव से वह अपने सभी कार्यों को पूरा करने में सफल होता है. परोपकार के कार्यों में वह स्वतः रुचि लेता है. इस माह में जन्मा जातक अपनी व्यवहार कुशलता से लोगों को प्रभावित कर सकता है. बाहरी संपर्क से भी जातक को लाभ मिलता है. घरेलू जीवन में संघर्ष रहता है. 

मार्गशीर्ष मास की इन तिथियों पर न करें शुभ काम
मार्गशीर्ष महीने की कुछ विशेष तिथियों को लेकर नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूर करना चाहिए. मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाली सप्तमी और अष्टमी तिथि को मास शून्य तिथियां कहा गया है. इस दिन कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. यदि उपरोक्त दो तिथियों पर कोई भी शुभ कार्य किया जाता है तो इससे धन और वंश दोनों की हानि हो सकती है. इसके अलावा सप्तमी और अष्टमी तिथि पर कोई मांगलिक कार्य किया जाता है तो सम्मान समाप्त हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में निर्धनता आ जाती है.

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