नई दिल्लीः Mokshada Ekadashi 2023: पंचांग की मानें, तो मोक्षदा एकादशी साल 2023 की आखिरी एकादशी है. शास्त्रों की मानें, तो मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को ही मोक्षदा एकादशी कहा जाता है. हिंदू धर्म में इस एकादशी का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से भगवान विष्णु की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट धीरे-धीरे खत्म हो जाते हैं. 


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व्रत करने से पाप का होता है नाश
मान्यता है कि इस व्रत को करने से सभी तरह के पाप का नाश होता है. साथ ही पूर्वजों के आत्मा को शांति मिलती है. शास्त्रों की मानें, मोक्षदा एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. इस साल मोक्षदा एकादशी कब मनाई जाएगी, इसे लेकर लोगों के बीच काफी कन्फ्यूजन है. ऐसे में आइए जानते हैं मोक्षदा एकादशी की सही तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में. 


22 और 23 दिसंबर को मनाई जाएगी मोक्षदा एकादशी
एक्सपर्ट की मानें, तो साल 2023 की आखिरी मोक्षदा एकादशी 22 और 23 दिसंबर यानी दो दिन मनाई जाएगी. पंचांग के अनुसार मोक्षदा एकादशी तिथि की शुरुआत 22 दिसंबर की सुबह 8 बजकर 16 मिनट पर होगी. वहीं, समापन 23 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 11 मिनट पर होगा. 


पूर्वजों का होता है भला
शास्त्रों की मानें, तो एकादशी व्रत उदयातिथि के अनुसार किया जाता है लेकिन जब एकादशी तिथि दो दिन पड़ रही हो तो ऐसे में गृहस्थ जीवन वालों को पहले दिन एकादशी व्रत करना चाहिए. ऐसे में मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को मान्य होगी. शास्त्रों की मानें, तो इस दिन उपवास रखने से उपवास रखने वाले के साथ-साथ उसके पूर्वजों का भी भला होता है. 


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