Benefits of Wearing Pearl ज्‍योतिष शास्‍त्र में रत्‍नों का बहुत अधिक महत्‍वपूर्ण माना जाता है. इन रत्नों का सीधा संबंध जातकी की कुंडली में मौजूद ग्रहों से होता है.ज्‍योतिष शाीस्त्र में ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए रत्‍न पहनने की सलाह दी जाती है. इन रत्नों में से अक हैं मोती, जो सौरमंडल के सबसे चमकदार ग्रह चंद्रमा का रत्‍न है. चंद्रमा मनुष्‍य के मन का कारक है और इसका पूरा प्रभाव मनुष्‍य की सोच पर पड़ता है. मन को स्थिरता प्रदान करने में मोती रत्‍न अहम भूमिका निभाता है. मोती धारण करने से आत्‍मविश्‍वास में वृद्धि होती है.


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मोती पहनने के लाभ
मोती रत्‍न पहनने से ब्लडप्रेशर से संबंधित रोगों को नियंत्रित किया जा सकता है. जिन लोगों का मानसिक संतुलन ठीक न हो उन्‍हें भी मोती रत्‍न धारण करना चाहिए.


यदि कुंडली में चंद्रमा नीच स्‍थान में बैठा है तो आपको मोती रत्‍न अवश्‍य धारण करना चाहिए. मोती रत्‍न पहनने से जातक अपने क्रोध पर नियंत्रण कर सकता है. चंद्रमा की शीतलता की तरह मोती रत्‍न भी व्‍यक्‍ति के मन को शां‍त रखता है.


कैसे करें धारण
मोती रत्‍न को 2, 4, 6 या 11 रत्‍ती का धारण करना चाहिए. इसे चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए. इसके बाद किसी शुक्‍ल पक्ष के सोमवार को विधि अनुसार तथा 11000 बार ‘ऊं सों सोमाय: नम:’ मंत्र जाप करके संध्‍या के समय इसे धारण करना चाहिए.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)


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