नवरात्रि के 9 दिन मां के ये 9 मंत्र का करें जाप, पैसों की होगी बरसात-घर से दूर होगी नकारात्मक शक्तियां होंगी दूर
navratri vastu tips: हिन्दू धर्म में नवरात्रि के 9 दिनों को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. नवरात्रि के 9 दिनों इन मंत्रों का जाप करें. आइए जानते हैं आचार्य माना अग्रवाल जी द्वारा बताए गए वास्तु उपाय, मंत्र, और भोग के बारे में.
नई दिल्ली: नवरात्रि का पर्व हिन्दू धर्म में माता दुर्गा की महिमा का महत्वपूर्ण आयोजन है जिसमें देवी दुर्गा की पूजा नौ दिनों तक की जाती है. यह अवसर ज्योतिष और वास्तु उपायों के लिए भी एक अद्वितीय अवसर होता है जो आपके घर को और आपके जीवन को आनंदमय और समृद्ध कर सकता है. इस लेख में, ज्योतिषाचार्य और वास्तु विशेषज्ञ आचार्य माना अग्रवाल जी आपको नवरात्रि के प्रत्येक दिन के अद्भुत महत्व के साथ, ज्योतिष और वास्तु उपाय, मंत्र, और भोग के बारे में जानकारी देंगे.
वास्तु उपाय: इस दिन, सूर्य उदय के साथ अपने घर के पूजा स्थल की दिशा को उत्तर पूर्व की ओर बनाएं और माता रानी को विराजमान करके पूजा करें.
प्रथम दिन: शैलपुत्री पूजा (15 अक्टूबर, 2023)
नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री मां की पूजा के साथ होता है. शैलपुत्री देवी विश्वास की जाती हैं कि उनकी पूजा से लोगों के घर में शांति और सुख बना रहता हैं.
मंत्र: "ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः."
भोग: इस दिन वन्यजन भोग, जैसे कि मूँगफली और सेंधा नमक चना, फल और तिल के लड्डू देवी को अर्पित करें.
द्वितीय दिन: ब्रह्मचारिणी पूजा (16 अक्टूबर, 2023)
द्वितीय दिन को हम ब्रह्मचारिणी मां की पूजा करके आत्म-संयम और तपस्या की कामना करते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः."
भोग: इस दिन, दूध-चावल के साथ फल अर्पित करें, देवी के तपस्या और संयम की प्रतिष्ठा करते हुए.
तृतीय दिन: चंद्रघंटा पूजा (17 अक्टूबर, 2023)
तृतीय दिन पर चंद्रघंटा मां की पूजा के साथ, आप आशीर्वाद और समृद्धि का आगमन करते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः."
भोग: इस दिन मिष्ठान्न जैसे कि कट्टु पूड़ी और मलपुआ देवी के लिए अर्पित करें, जो माँ को अतिप्रिय होते हैं.
चौथा दिन: कूष्मांडा पूजा (18 अक्टूबर, 2023)
चौथे दिन को हम कूष्मांडा मां की पूजा करके आपके घर की रक्षा और सुरक्षा की प्राप्ति के लिए बदलते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी कूष्मांडायै नमः."
भोग: इस दिन मोतीचुर के लड्डू और सेब अर्पण करें, देवी के आशीर्वाद की उम्मीद में.
पांचवा दिन: स्कंदमाता पूजा (19 अक्टूबर, 2023)
पांचवे दिन को हम स्कंदमाता मां की पूजा करके बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी स्कंदमात्र्यै नमः."
भोग: पांचवे दिन का भोग चने और दूध दही के साथ होता है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए शुभ होता है.
षष्ठी दिन: कात्यायनी पूजा (20 अक्टूबर, 2023)
षष्ठी दिन को हम कात्यायनी मां की पूजा करते हैं. इस दिन, आप अपने और अपने परिवार के जीवन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी कात्यायन्यै नमः."
भोग: इस दिन, मिठाई जैसे बेसन की बर्फी और पुड़ी देवी के लिए अर्पित करें, जो सफलता और प्रतिष्ठा का प्रतीक होती है.
सप्तमी दिन: कालरात्रि पूजा (21 अक्टूबर, 2023)
सप्तमी दिन को हम कालरात्रि मां की पूजा करते हैं, यह दिन अंधकार की शक्ति का सम्बन्ध है, जो बुराई को हरने में मदद करती है.
मंत्र: "ॐ देवी कालरात्र्यै नमः."
भोग: इस दिन गाजर का हलवा और मूँग दाल के पुलाव का भोग देवी को अर्पित करें, जो संरक्षण और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.
अष्टमी दिन: महागौरी पूजा (22 अक्टूबर, 2023)
अष्टमी दिन को हम महागौरी मां की पूजा करते हैं, जो अपने भक्तों को शुभ दिशा दिखाती हैं.
मंत्र: "ॐ देवी महागौर्यै नमः."
भोग: अष्टमी दिन का भोग चावल, दही, और सेंधा नमक के साथ बना हुआ हो सकता है, जो सुख और समृद्धि के प्रतीक होता है.
नवमी दिन: सिद्धिदात्री पूजा (23 अक्टूबर, 2023)
नवमी दिन को हम सिद्धिदात्री मां की पूजा करके सिद्धियों और आशीर्वादों की प्राप्ति के लिए बदलते हैं.
मंत्र: "ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः."
भोग: नवमी दिन का भोग बेसन के लड्डू और हलवा पूड़ी है, जो सिद्धियों के प्रतीक होते हैं.
इस नवरात्रि के आदर्श उपाय और भोग के माध्यम से, हम देवी दुर्गा की कृपा को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं, जो हमारे जीवन में सुख, समृद्धि, और समर्थन लेती हैं. यह नवरात्रि हम सभी के लिए आत्मा साधना और ध्यान का महत्वपूर्ण समय होता है, जो हमें आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है."
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