नई दिल्ली: Puja Tips: हिंदू धर्म में सभी फूलों का अलग-अलग महत्व होता है. फूल कई प्रकार के होते हैं. कुछ फूल बहुत कोमल होते हैं. गेंदा स्थिरता का प्रतीक है. गेंदे का उपयोग ज्यादातर शुभ कार्यो और पूजा-पाठ में किया जाता है. देवताओं को माला से सजाई जाती हैं. घर में कोई भी कार्यक्रम हो तो गेंदे की माला जरूर पहननी चाहिए. पूजा में गुड़हल, गुलाब, गेंदा और चमंथी जैसे फूलों का भी इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन गेंदे के फूल का क्या महत्व है? क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा-पाठ में इसका इतना उपयोग क्यों किया जाता है? आइए जानते हैं गेंदे के महत्व के बारे में


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गेंदा फूल का महत्व  
देवी दुर्गा को लाल गेंदा, शिव को सफेद गेंदा और भगवान विष्णु को पीला गेंदा चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान को गेंदा चढ़ाने से ज्ञान, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है. इस फूल की खास बात यह है कि यह मनुष्य में अहंकार को कम करता है. गेंदा स्थिरता का प्रतीक है. इसके साथ ही सौभाग्य की निशानी के तौर पर घर के दरवाजे पर गेंदे के फूलों की माला लगाई जाती है.


किस भगवान को गेंदा चढ़ाना चाहिए?
धार्मिक मान्यता है कि भगवान विष्णु को गेंदा चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती है. गणपति पूजा में भी गेंदे का उपयोग किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि गेंदे की प्रत्येक पंखुड़ी में अलग-अलग देवी-देवताओं का वास होता है. मान्यता है कि गुरुवार के दिन श्री हरिविष्णु को गेंदे का फूल चढ़ाने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. गेंदे का उपयोग अधिकतर भगवान विष्णु, गणेश और लक्ष्मी की पूजा में किया जाता है.


संतान सुख की प्राप्ति
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रतिदिन भगवान विष्णु को अर्पित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. यह पौधा भारत की जलवायु में बहुत ही आसानी से हर जगह पाया जाता है. इसलिए इस फूल की पहचान किसी का मोहताज नहीं है. इस फूल अर्पित करने से ज्ञान बुद्धि विद्या और धन संपत्ति का लाभ होता है.


(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)