नई दिल्ली: Razman 2024: मुस्लिम समुदाय के हर व्यक्ति के लिए रजमान का महीना बेहद खास होता है. रमजान का महीना मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने में लोग रोजा रखते हैं, नमाज पढ़ते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान का महीना कैलेंडर के नौवें महीने में आता है. इस साल रमजान की शुरुआत 10 मार्च से होगी जो कि 9 अप्रैल को पूरे होंगे. रमजान में मुसलमान पूरे 30 दिन रोजे रखते हैं.  


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रमजान का महत्व 
रोजा रखना अल्लाह की इबादत करने का एक तरीका है. रोजा रखने से आत्म-संयम और अनुशासन बढ़ता है. रोजा रखने से गरीबों और भूखे लोगों की मदद करने की भावना जागृत होती है. रोजा रखने से शरीर और रुह की शुद्धि होती है. रमजान का महीना भाईचारे और समानता का महीना भी है.


रमजान के दौरान क्या करते हैं मुसलमान?
रोजा सूर्योदय से सूर्यास्त तक रखा जाता है. इस दौरान मुस्लिम कुछ भी नहीं खाते-पीते हैं. इसमें लोग पांचों वक्त की नमाज के अलावा तरावीह की नमाज भी पढ़ते हैं. कुरान का पाठ करते हैं, दुआ करते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं. रमजान के दौरान मुसलमान गरीबों और जरूरतमंदों को दान देते हैं.


कुरान नाजिल हुई
इस्लाम धर्म को मानने वालों के लिए रमजान महीना की खास अहमित होती है. इसलिए इसे पाक यानी पवित्र या मुबारक महीना भी कहा जाता है. ऐसा मान्यता है कि रमजान के पाक महीने में ही इस्लाम की सबसे पवित्र किताब कुरान नाजिल हुई.


10-10 दिन के 3 हिस्से
रमजान के इन 30 दिनों में पहले 10 दिन रहमत के, अगले 10 दिन बरकत के और आखिरी 10 दिन मगफिरत के माने जाते हैं. मुस्लिम लोगों के लिए इस दौरान रोजा रखना, नमाज की पाबंदी करना, जकात, सदका आदि करना बेहद जरूरी होता है. 
 
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)